नई दिल्ली (आईएएनएस)। Coronavirus Covid-19 Impact कोरोना वायरस से भारत इन दिनों लाॅकडाउन से गुजर रहा है। आने वाले दिनों में इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में भारत सरकार 18 अरब डॉलर (करीब 13.64 खरब़ रुपये) का रिकवरी और सस्टैनबिलिटी पैकेज ला सकती है। सूत्रों की मानें तो लाखों लोंगो के जनधन खाते में सीधे यह सहायता राशि डाली जा सकती है। यह राहत गरीब वर्ग और उन लोगों को दी जाएगी, जो लॉकडाउन की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। वहीं इससे देश के उद्योगों और अंसगठित क्षेत्र के लाखों कर्मचारियों को लाॅकडाउन की वजह से हुए नुकसान से थोड़ी राहत मिलेगी। खातों में सीधे तौर पर पैसा डालने अलवा अन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। इसके अलावा, जीएसटी और कर्ज की ब्याज दरों में कटौती पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है।

जीएसटी भी कम करने की तैयारी में
सरकार हैंड सैनेटाइजर जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी भी कम करने की तैयारी में है। वहीं कंपनियों को स्थगित कारपोरेट टैक्स में लाभ दे सकती है जिससे कि कंपनियों को हुए आर्थिक नुकसान का असर कर्मचारियों पर न पड़े। वह लोगों का रोजगार न जाए। इस राजकोषीय पैकेज से उस बाजार को भी किया जा सकता है जिसने पिछले कुछ हफ्तों में भारी गिरावट का सामना किया है।

एलटीसीजी पर टैक्स हटाया जा सकता
केंद्र सरकार और नियामक संस्था सेबी लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) और शेयर बायबैक पर अस्थाई रूप से टैक्स हटाने पर विचार कर रही है। यह कदम शेयर बाजार के उन निवेशकों के लिए बूस्टर साबित होगा जो बीते दिनों बिकवाली से शेयर मार्केट में भारी नुकसान उठा चुके हैं। इसी तरह एलटीसीजी पर टैक्स हटाने से शेयर बाजार में और निवेशकों को आकर्षित किया जा सकेगा।

आर्थिक पैकेज मध्यम वर्ग के लिए सौगात
वहीं केंद्र सरकार का यह आर्थिक पैकेज मध्यम वर्ग के लिए भी सौगात लाएगा। इससे बाजार में वस्तुओं की खपत को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को सरकार की ओर से ईएमआई के भुगतान में भी राहत मिलेगी। बचत की ब्याज दरों में भारी कटौती हो सकती है और यही कमी कर्ज की ब्याज दरों में भी हो सकती है। वर्तमान के हालातों को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों में बेराेजगारी बढ़ने का भय बना है।

लाॅकडाउन से बेराेजगारी बढ़ने का बना डर
लाॅकडाउन की वजह से रेस्त्रां से लेकर विमान, फैक्ट्री और बाजार सभी कुछ 14 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। ऐसे में अमेरिकी और यूरोपीय नीति निर्माताओं ने भी आर्थिक संकट से उबारने के लिए लोगों के बीच वित्त समर्थन योजनाएं लाने की तैयारी की है। देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 600 पार हो गई है। खतरे को देखते हुए पीएम ने 14 तक पूरे देश को लाॅकडाउन कर दिया।

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