टोक्यो (एएफपी)। टोक्यो में होने वाले ओलंपिक 2020 पर अंतिम फैसला आ गया। पिछले कई दिनों से इस टूर्नामेंट के रद होने की चर्चा थी मगर मंगलवार को आखिरकार आईओसी और जापान ने मिलकर इसे एक साल के लिए टाल दिया। इससे पहले ओलंपिक खेलों को राजनीतिक बहिष्कार (मास्को 1980) और आतंकवाद (म्यूनिख 1972) का सामना करना पड़ा है, लेकिन यह सिर्फ युद्ध के चलते ही कैंसिल हुआ है। आइए डालिए उन तीन ओलंपिक पर, जो हुए कैंसिल।

बर्लिन 1916 -

4 जुलाई, 1912 को स्टॉकहोम में आईओसी की एक बैठक आयोजित की गई थी। इस मीटिंग का मकसद छठे ओलंपिक खेलों के लिए मेजबान देश की घोषणा करना था। तब बर्लिन के साथ-साथ अलेक्जेंड्रिया, एम्सटर्डम, ब्रुसेल्स, बुडापेस्ट और अमेरिका के शहर क्लीवलैंड मेजबानी की रेस में शामिल थे मगर अंत में बर्लिन ने बाजी मारी। जर्मनी को यह मेजबानी इसलिए मिली क्योंकि उन्होंने बर्लिन के ग्रुनेवाल्ड जिले में लगभग 33,000 की क्षमता वाला एक स्टेडियम 200 दिनों में तैयार कर दिया था। इसके उत्तरी तरफ 100 मीटर लंबा स्विमिंग पूल बना। इस स्टेडियम में एथलेटिक्स, कुश्ती, तलवारबाजी, निशानेबाजी, आधुनिक पेंटाथलॉन, साइकिलिंग, जिमनास्टिक, तैराकी, नौकायन, हॉकी और गोल्फ की सुविधा थी। यही नहीं पहली बार, महिलाओं को तैराकी, गोताखोरी, टेनिस और नेटबॉल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया था। बर्लिन स्टेडियम में 27 और 28 जून, 1914 को दो दिवसीय परीक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। दूसरे दिन, आस्ट्रिया के आर्चड्यूक फ्रैंक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या कर दी गई जिसके बाद विश्व युद्घ शुरु हो गया और फिर बर्लिन में ओलंपिक नहीं हो सका।

टोक्यो 1940 -

1940 ओलंपिक की मेजबानी भी टोक्यो को मिली थी, मगर अंतिम समय में इसे स्थानांतरित कर दिया गया था। उस वक्त टोक्यो से ओलंपिक मेजबानी छीनने की वजह विश्व युद्घ थी। टोक्यो की 1940 ओलंपिक बोली में जूडो और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के पहले जापानी सदस्य, संस्थापक, जिगोरो कानो ने भाग लिया, जिन्होंने पहली बार खेलों को एशिया में लाने के महत्व पर जोर दिया। कानो ने आईओसी को अपनी याचिका में कहा, "मैं गंभीर रूप से संकल्प लेता हूं। ओलंपिक स्वाभाविक रूप से जापान में आना चाहिए। अगर वे नहीं करते हैं, तो यह अन्याय होगा।' खैर इस बोली में टोक्यो के सामने हेलिंस्की ने भी अपना दावा किया, मगर आखिर में बोली जापान के पक्ष में रही और उन्हें मेजबानी का अधिकार मिला। मगर आयोजन से ठीक पहले जापान और चीन के बीच युद्घ शुरु हो गया और अंत में ओलंपिक को टोक्यो से हेलिंस्की स्थानांतरित करना पड़ा।

लंदन 1944 -

जुलाई 1939 में लंदन में आईओसी ने फैसला किया कि कौन सा शहर 1944 ओलंपिक की मेजबानी करेगा। इस रेस में लंदन, रोम, डेट्रोइट, लॉज़ेन और एथेंस हिस्सा ले रहे थे मगर आखिर में सर्वसम्मति से लंदन को मेजबानी अधिकार दिए गए। लेकिन तीन महीने बाद, ब्रिटेन ने जर्मनी पर युद्ध की घोषणा की और 1944 का खेल कैंसिल करना पड़ा।