मुंबई (पीटीआई)। Coronavirus Covid-19 Impact: कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए हुए लाॅकडाउन से देश की आर्थिक स्थिति पर भी प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में इस दिशा में भारतीय रिजर्व बैंक यानी कि आरबीआई ने आर्थिक मोर्चे पर बड़ा कदम उठाया है। उसने कोरोना के प्रकोप के कारण हुई कठिनाई से निपटने के लिए बेंचमार्क ब्याज दर में यानी कि रेपो रेट घटा दिया है। उसने रेपो रेट में 75 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर 4.40 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट में कटौती से ईएमआई भी घटेगी। इसके साथ ही सभी तरह के लोन भी सस्ते होंगे।

ईएमआई के भुगतान में तीन महीने की मोहलत

इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने 28 मार्च से 1 साल के लिए सभी बैंकों के कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) को 100 बेसिस प्वाइंट घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया। अब बैंकों के पास लोन देने के लिए ज्यादा पैसा होगा। इससे पैसा मार्केट में बढ़गा। वहीं भारतीय रिर्जव बैंक ने सभी उधार देने वाली संस्थाओं से कहा कि वे सभी ऋणों के संबंध में ईएमआई के भुगतान में तीन महीने की मोहलत दें। इसके साथ पूंजी ऋणों पर ब्याज भुगतान पर भी तीन माह के लिए जून 2020 तक रोक लगाने की अनुमति दी गयी है। आरबीआई द्वारा बैंकिंग वर्ल्ड में 3.74 लाख करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी।

आम जनता को राहत देने के लिए रेपो रेट में कटाैती

इस संबंध में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी यानी कि एमपीसी ने समीक्षा बैठक करते हुए कोरोना वायरस के प्रकोप की वजह से कुछ बड़े फैसले लिए हैं। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी के कई मेंबर्स ने रेपो रेट कट करने के पक्ष में वोटिंग किया। उन्होंने कहा कि भारत समेत विश्व के कई देश कोरोना वायरस की महामारी से लड़ रहे हैं। भारत ने 21 दिन का लॉकडाउन किया है। इसके चलते आर्थिक गतिविधियां बहुत ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। ऐसे में आम जनता को राहत देने के लिए रेपो रेट में कटाैती जैसे बड़े फैसले लिए हैं।

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