मैड्रिड (आईएएनएस)। Coronavirus crisis: स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा है कि वह संसद में मौजूदा 'अलार्म ऑफ स्टेट' को आगे 15 दिनों के लिए बढ़ाकर 9 मई तक करने के लिए कहेंगे, क्योंकि देश में कोरोनोवायरस के मामले और उससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है। सांचेज का ये अनाउंसमेंट शनिवार को ये जानकारी सामने आने के बाद आया कि, स्पेन में कोरोनावायरस के कन्फर्म मामलों की संख्या 194,416 तक पहुंच गई है और अमेरिका में हुई 20,639 मौतों के के बाद वे दूसरे नंबर पर हैं।

विषेज्ञों की राय से लिया फैसला

प्रधान मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस समस्या पर टैक्निकल कमेटी के एक्सपर्टस की राय लेने के बाद ये फैसला किया है। स्पेन में 15 मार्च को COVID-19 पर 'अलार्म ऑफ द स्टेट' का एलान किया था और इसे 25 अप्रैल तक दो बार बढ़ाया जा चुका है। हमने सबसे कठिन काम किया है और हमने सबसे चरम क्षणों को छोड़ दिया है। बलिदान और लचीलापन के साथ संकट, लेकिन ये परिणाम अभी भी पर्याप्त नहीं हैं और अभी भी नाजुक हैं, "उन्होंने कहा। पीएम सांचेज के अनुसार ऐसा करने से से संकट के समय उनके देश ने जो बड़ी प्रगति की है उसको बनाये रखना संभव नही रह पायेगा।

सदन में करेंगे बात

सांचेज ने कहा रविवार को वे 17 एटॉनामस रीजंजस के प्रेसिडेंटस और डिप्यूटीज ऑफ कांग्रेस जो, स्पेनिश संसद में निचला सदन है, को अलार्म की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देंगे। और स्केलडाउन (लॉकडाउन) का 9 मई तक विस्तार करने के लिए कहेंगे। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि 'स्टेट ऑफ अलार्म' का यह एक्सटेंशन थोड़ा अलग होगा। उन्होंने समझाते हुए कहा कि यह 'स्टेट ऑफ अलार्म' थोड़ा सा हट कर है इसमें वे बच्चों के ऊपर से कन्फाइन्मेंट हटाने की बात कर रहे हैं ताकि उन्हें घरों के बाहर आने का मौका मिल सके। इस तरह 27 अप्रैल के बाद आने वाले हफ्तों में तय होगा कि बच्चे किस हद तक बाहर निकल सकते हैं।

बाहर आने की ना करें जल्दबाजी

सांचेज ने यह भी स्पष्ट किया कि वह स्पेन में बाकी नागरिकों से उम्मीद करते हैं कि वे मई में बाहर निकलने की हड़बड़ी नहीं दिखायेंगे और धीमी गति से नॉर्मल लाइफ शुरू करेंगे। साथ ही उस दौरान भी प्रतिबंधों के हटने के बावजूद सतर्क और नियमबद्ध तरीके से काम करेंगे। स्पेन में स्टेट ऑफ अलार्म तीन आपातकालीन स्तरों में से पहला है, जिसे स्पेन की सरकार असाधारण परिस्थितियों में लागू कर सकती है, बाकी दो हैं 'स्टेट ऑफ एक्सेप्शन 'और' मार्शल लॉ। इन नियमों के तहत सरकार को नागरिकों की आवाजाही को सीमित करने, उत्पादन के साधनों को नियंत्रित करने, यदि आवश्यक हो तो सेना का उपयोग करने और अगर जरूरी हो तो लोगों के निसी संसाधनों को इस्तेमाल करने का सरकार को विशेष अधिकार मिल जाता है।

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