जिनेवा (एएफपी)विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के चीफ ने बुधवार को कहा कि नया कोरोना वायरस 'इंसानियत का दुश्मन'। इस महामारी की वजह से दुनिया में 2,00,00 लोग संक्रमित हो चुके हैं। वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में डब्ल्यूएचओ के चीफ डाॅ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने पत्रकारों से कहा कि यह अभूतपूर्व खतरा है। इंसानियत के इस काॅमन दुश्मन से सामना करने के लिए हम सबको एक साथ आना होगा और मिसाल पेश करनी होगी।

यूरोप बना कोरोना वायरस का नया एपिसेंटर

दुनियाभर में इसके संक्रमण से 8,000 लोग मर चुके हैं। यूरोप अब वायरस का नया एपिसेंटर बन गया है। दिसंबर में सबसे पहले चीन में इस वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए थे। इसके बाद एशिया में महामारी फैल गई थी। टेड्रोस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ स्वास्थ्य मंत्रियों, राष्ट्र प्रमुखों, स्वास्थ्य कर्मियों, अस्पताल प्रबंधकों, इंडस्ट्री लीडर्स और अन्यों से रोजाना कह रहा है कि इस मामले को प्राथमिकता दें और मदद करें। ऐसा न सोचें कि यह आपकी कम्युनिटी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।

हर संदिग्ध की जांच जरूरी : डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हर संदिग्ध की जांच जरूरी है। टेड्रोस ने कहा कि संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से जिन देशों में ऐसा संभव नहीं है वे हेल्थकेयर सिस्टम पर बोझ कम करने और महामारी को नियंत्रित करने के लिए उपाय कर सकते हैं। उम्मीद का दामन न छोड़ें। बहुत सारी चीजें हैं जो देश अपने लेवल पर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि देशों में लोग फिजिकली दूरी बनाकर रखें, खेल-कूद आयोजन, कंसर्ट और अन्य आयोजनों को रद करें ताकि भीड़-भाड़ में सक्रमण तेजी से न फैले।

आइसोलेट, टेस्ट, ट्रीट और ट्रेस का मंत्र

ट्रेडोस ने कहा कि इस महामारी को काबू में करने के लिए सिर्फ एक रास्ता है वह है, 'आइसोलेट' यानी संक्रमित संदिग्ध को अलग करें, दूसरा 'टेस्ट' यानी हर संदिग्ध की जांच करें, तीसरा 'ट्रीट' यानी हर मरीज का इलाज करें और चौथा 'ट्रेस' यानी संक्रमित व्यक्ति जिससे भी मिला हो उनकी पहचान करना और वही प्रक्रियाएं दोहराना। यदि कोई देश इस प्रक्रिया को करने में नाकाम रहेगा तो संक्रमण तेजी से निचले लेवल तक फैल जाएगा। एक बार महामारी काबू में आ गई तो तमाम बैन हटाए जा सकते हैं।

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