KANPUR (ब्‍यूरो): रेवेन्यू बढ़ाने के लिए लॉकडाउन में शराब ब्रिकी की परमीशन मिलते ही शराब के शौकीनों में खुशी की लहर दौड़ गई. मानो खत्म होती जिंदगी को सांसें मिल गईं. हाल ये हुआ कि मंडे सुबह दुकान खुलने से पहले ही खरीददारों की लंबी लाइन लग गई. 10 बजते ही जैसे शराब दुकानों के शटर उठे, खरीदने वाले सारे नियम-कानून और सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर काउंटर पर उमड़ पड़े. इनको रोकने में पुलिस और प्रशासन भी कुछ खास नहीं कर पाया. सबसे ज्यादा भीड़ देशी शराब के ठेकों पर देखने को मिली और आलम ये रहा कि दोपहर तक महंगी शराब को छोड़कर ठेकों पर स्टॉक ही नहीं बचा. जिसके पास जितना स्टॉक था उसे उतना ही बेचने की परमीशन थी।

मानो, जीत ली कोई जंग

लॉकडाउन-3.0 में पियक्कड़ों की दीवानगी देखने लायक थी. ज्यादातर लोग यही सोच रहे थे कि पता नहीं शराब खरीदने का मौका लॉकडाउन में दोबारा नहीं मिलेगा. इसी के चलते एक-एक दुकान पर सैकड़़ों लोगों की भीड़ जुटी और लोगों ने एक-एक पेटी तक शराब खरीदी. जिसको जैसे मिला, उसने शराब की बोतलों की खरीदारी कर ऐसी खुशी मनाई, जैसे कोई बड़ी जंग जीत ली हो. कई लोग तो ज्यादा से ज्यादा बोतल खरीदकर उसे स्टॉक में रखने की प्लानिंग करते हुए देखे गए. दोपहर 1 बजे तक कई दुकानों पर स्टॉक खत्म होने लगा. इसके बाद एक-एक बोतल ही बेची गई. वहीं कई जगहों पर महंगी शराब की बिक्री शाम 7 बजे तक भी होती रही।

नोटबंदी जैसा दिखा हाल

नोटबंदी में लाइन बैंकों के बाहर थी, लेकिन लॉकडाउन में लाइन शराब के ठेकों के बाहर देखने को मिली. इस नजारे को देखने के बाद लोगों को नोटबंदी की लाइनें याद आ गईं. लाजपत नगर, काकादेव, आर्य नगर, ग्रीनपार्क चौराहा, शास्त्री नगर, दबौली, सिविल लाइंस, स्वरूप नगर, दादानगर चौराहा, आजाद नगर, बिरहाना रोड, 80 फीट रोड के पास शराब ठेकों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखी गई. कानपुर में शायद पहली बार ऐसा मौका है, जब शराब के लिए इतनी लंबी लाइनें लगी देखी गईं हों. शराब के शौकीन अपने घरों का कामकाज छोड़कर सुबह से ही ठेकों के बाहर खड़े हो गए।

धड़ाधड़ निकले जेबों से रुपए

सिटी के पॉश एरियाज में शामिल आर्यनगर, स्वरूपनगर, तिलकनगर, मालरोड, बिरहाना रोड, सिविल लाइंस जैसे एरिया में स्थित ठेकों पर भीड़ तो थी, लेकिन लोग यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हुए अपना नंबर आने का इंतजार करते रहे. इतने दिनों से काम-धंधा और कमाई बंद होने के बावजूद शराब की बोतलें खरीदने के लिए जेब से धड़ाधड़ रुपए भी निकलते रहे।

सोशल मीडिया पर विरोध

सरकार के आदेश के बाद जैसे ही कानपुर में शराब बिक्री की परमीशन दी गई, इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसको लेकर बहस छिड़ गई. हजारों लोगों ने इसका आपने-अपने तरीके से विरोध किया. वहीं शराब पीने के बाद बहकने वालों के वीडियो भी ट्रोल होने लगे. कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने कहा कि अब कोरोना के मामले में कानपुर प्रदेश में ही नहीं, देश में भी टॉप पर आएगा।

लाइन को लेकर मारपीट

शराब की लाइन में आगे लगने की होड़ में विकास नगर, कल्याणपुर, पनकी, अर्मापुर, गूबा गार्डन, लाजपत नगर सहित अन्य जगहों पर लोग आपस में ही भिड़े. कई जगहों पर पुलिस ने लाठी पटककर लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया।

हॉट-स्पॉट वाले लगाते रहे जुगाड़

शराब की दुकानों को खोलने की परमीशन हॉट-स्पॉट और बफर जोन के बाहर ही थी. ऐसे में किदवई नगर, रोशन नगर रावतपुर, चुन्नीगंज, बाबूपुरवा, जूही, अनवरगंज, मछरिया सहित अन्य एरियाज में लोग बाहर नहीं निकल सके. लेकिन अपने दोस्तो और रिलेटिव्स को फोनकर शराब लाने के लिए जुगाड़ लगाते रहे. हालांकि इसमें कुछ बैरिकेड से लेने में कामयाब भी हुए, लेकिन कुछ पुलिस की मुस्तैदी से पीछे हट गए।

डीएम, डीआईजी ने किया निरीक्षण

शराब की दुकानों पर उमड़ रही भीड़ की खबरों के बाद डीएम डॉ. ब्रह्मदेव राम तिवारी और डीआईजी अनंत देव भी दुकानों के निरीक्षण पर निकले. दोनों ने एक्सप्रेस रोड, फूलबाग और बिरहाना रोड स्थित दुकानों का निरीक्षण किया. स्टॉक का रजिस्टर देखने के साथ ही लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाया. वहीं स्टाफ की अटेंडेंस का रजिस्टर भी दुकान में ही रखने के लिए कहा. इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट हिमांशु गुप्ता और आबकारी निरीक्षक भूपेंद्र सिंह मौजूद रहे।

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