नई दिल्ली (पीटीआई) दिल्ली पुलिस ने पिछले दो दिनों में यह पाया है कि निजामुद्दीन के मरकज मस्जिद में मार्च के मध्य में आयोजित एक धार्मिक सभा में कुल 1830 लोग शामिल हुए थे। अधिकारियों ने बताया कि इस सभा में ब्रिटेन और फ्रांस समेत कई देशों के 281 नागरिक भी शामिल हुए थे। जो लोग फैसिलिटी में पाए गए उनमें से अधिकांश को अलग-अलग क्वारंटीन केंद्रों और अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि देश में 24 मार्च को 21 दिनों के लिए लागू हुए लॉकडाउन के बावजूद 16 देशों के इन विदेशियों सहित कुल 1,830 लोग तब्लीगी जमात के मरकज में बने रहे।

यहां के लोग हुए थे सभा में शामिल

धार्मिक सभा में विदेशी लोग इंडोनेशिया (72), श्रीलंका (34), म्यांमार (33), किर्गिस्तान (28), मलेशिया (20), नेपाल और बांग्लादेश से 9-9, थाईलैंड (7), फिजी (4), इंग्लैंड (3) और अफगानिस्तान, अल्जीरिया, जिबूती, सिंगापुर, फ्रांस व कुवैत से एक-एक लोग शामिल हुए थे। बाकी 1,549 लोग तमिलनाडु (501), असम (216), उत्तर प्रदेश (156), महाराष्ट्र (109), मध्य प्रदेश (107), बिहार (86), पश्चिम बंगाल (73), तेलंगाना (55), झारखंड (46), कर्नाटक (45), उत्तराखंड (34), हरियाणा (22), अंडमान निकोबार द्वीप समूह (21), राजस्थान (19), हिमाचल प्रदेश, केरल और ओडिशा से 15-15, पंजाब (9) और मेघालय (5) ) से थे।

मरकज ने दी थी पुलिस को जानकारी

पिछले एक महीने में, विदेशियों सहित कम से कम 8,000 लोगों ने परिसर का दौरा किया है और उनमें से ज्यादातर या तो अपने संबंधित स्थानों पर लौट आए हैं या वर्तमान में देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य मार्काज सुविधाओं में हैं। इनकी वजह से कई लोग अब तक देश में कोरोना से संक्रमित हो गए हैं। हैदराबाद में संक्रमित पाए गए छह इंडोनेशियाई लोगों के अलावा जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना के एक-एक व्यक्ति ने संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया है। उन्होंने भी इस सभा में भाग लिया था। अधिकारियों ने कहा कि मरकज में काम करने वाले लोगों ने पुलिस को 25 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद लगभग 1,200 लोगों की उपस्थिति के बारे में सूचित किया था। इनमें से कुछ लोगों को पुलिस ने दिल्ली से बाहर निकाल दिया। 26 मार्च को, फिर से लगभग 2,000 लोग मरकज सुविधा में एकत्र हुए।

कई लोगों में दिखा है कोरोना का लक्षण

भले ही मरकज के कर्मचारियों ने इन लोगों को शहर से बाहर भेजने के लिए पुलिस और नागरिक अधिकारियों की मदद मांगी लेकिन तब तक सड़क, रेल और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद हो गया था। पुलिस द्वारा पाए गए 1,830 लोगों में से, लगभग 200 का मानना है कि उनमें COVID-19 के लक्षण दिखाई दिए हैं और उन्हें अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस सभा में भाग लेने वाले 700 लोगों को छोड़ दिया गया है, जबकि लगभग 335 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

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