नयी दिल्ली(PTI))भारत में Covid-19 के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(IIT Kanpur) पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित कर रहा है, जो बाजार में उपलब्ध अन्‍य उपकरणों की तुलना में काफी सस्ता होगा। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का दावा है कि बाजार में लगभग 4 लाख रुपये प्रति यूनिट पर इनवेसिव वेंटिलेटर उपलब्ध हैं, लेकिन यह वेंटिलेटर 70000 रुपये प्रति यूनिट की लागत से बनाया जाएगा क्योंकि इसके सभी पार्ट्स भारत में ही उपलब्‍ध हैं।

दो छात्रों ने विकसित किया प्रोटोटाइप

बता दें कि आईआईटी संस्थान के दो ग्रैजुएट छात्र निखिल कुरुले और हर्षित राठौर, जो आईआईटी कानपुर में इनक्यूबेट किए गए Nocca Robotics नामक एक स्टार्ट अप चला रहे हैं, ने पोर्टेबल वेंटिलेटर के लिए एक नया प्रोटोटाइप विकसित किया है। आईआईटी, कानपुर ने एक नौ सदस्‍यों की एक टीम का गठन किया है, जिसमें नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज (एनआईसीएस), बैंगलोर के डॉक्टरों को शामिल किया गया है, जिन्‍हें इस प्रोटोटाइप को परखना है। इसके बाद स्टार्ट अप एक महीने के भीतर लगभग 1000 पोर्टेबल वेंटिलेटर तैयार कर सकेगा।

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कैसे काम करता है यह पोर्टेबल वेंटिलेटर

रिसर्च टीम के अनुसार, विकसित किया गया प्रोटोटाइप एक फटाफट इस्‍तेमाल किया जा सकने वाला मै निकल वेंटिलेटर है जो प्रेशर कंट्रोल्‍ड मोड में काम करने में सक्षम है। यह वेंटिलेटर परमानेंट एक मोबाइल फोन से जुड़ा होगा। मोबाइल के यूज से डिवाइस को नियंत्रित करने और उसमें से निकलने वाली महत्वपूर्ण जानकारी को डिस्‍प्‍ले किया जा सकेगा। डिवाइस को किसी भी प्रकार की मेडिकल एयर की जरूरत नहीं होगी और यह वातावरण की हवा से अपने आप संचालित होने में सक्षम होगा। जरूरत पड़ने पर इसमें ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया जा सकेगा।

प्रयास हुआ सफल तो बचा सकेंगे तमाम जिंदगियां

प्रोफेसर और आईआईटी कानपुर इंक्‍यूबेशन सेंटर के इंचार्ज अमिताभ बन्धोपाध्याय ने कहा है कि "COVID-19 ने इंसानों को एक तबाही के रूप में मारना शुरु कर दिया है। जब अमेरिका और इटली जैसे विकसित देश भी इस वायरस से बुरी तरह जूझ रहे हैं, तो हम इस बीमारी से लड़ने को पूरी तरह तैयार ही नहीं हैं। हम इस प्रोजेक्‍ट के लिए हर स्‍तर से मदद लेने की कोशिश कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा यदि हमारा प्रयास सफल होता है तो हम बहुत सारे भारतीयों की जिंदगी बचा सकते हैं।

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