इस्मालाबाद (एएनआई) घातक कोरोना वायरस के मामले पाकिस्तान में तेजी से बढ़ रहे हैं, यहां के चार सार्वजनिक अस्पतालों के डॉक्टरों के प्रतिनिधियों ने धमकी दी है कि यदि उन्हें व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) नहीं दिए जाते हैं तो 24 मार्च से वह काम करना बंद कर देंगे। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधियों ने गुरुवार को घोषणा की कि वे व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के बिना काम करना जारी नहीं रख सकते हैं और 24 मार्च से आउट पेशेंट विभागों (ओपीडी) को बंद कर देंगे। जिन अस्पताल के डॉक्टरों ने यह बात कही, उनमें पीआईएमएस, पॉलीक्लिनिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिहेबिलिटेशन मेडिसिन (एनआईआरएम) और फेडरल जनरल अस्पताल शामिल हैं।

अनुरोध के बावजूद किसी अधिकारी ने नहीं सुनी बात

मेडिकल प्रोफेशनल्स के सामने आने वाले खतरों पर प्रकाश डालते हुए, पीआईएमएस के डॉ. असफंदर खान ने कहा कि उन्होंने सरकार से पीपीई की व्यवस्था करने का अनुरोध किया था लेकिन कोई भी उनकी चिंताओं को सुनने के लिए तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, 'इस वक्त हमारे लिए काम करना मुश्किल हो गया है। हम 24 मार्च से काम करना बंद कर देंगे यदि पीपीई हमें प्रदान नहीं किया जाएगा। हम यह भी आश्वासन चाहते हैं कि उन स्टाफ सदस्यों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा की जाए जो ड्यूटी करते समय COVID-19 के चपेट में आते हैं। हालांकि हम अपने कर्तव्य को जारी रखने के लिए तैयार हैं लेकिन सुरक्षा उपकरणों के बिना काम करना एक तरह से आत्महत्या होगी।'

सिंध में सबसे अधिक मामले

बता दें कि अकेले सिंध से 252 मामलों की संख्या के साथ पाकिस्तान में कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या बढ़कर 495 हो गई है। इसके अलावा, इस खतरनाक वायरस से तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। पाकिस्तान के पंजाब में 96, खैबर पख्तूनख्वा में 23, बलूचिस्तान में 92, गिलगित-बाल्टिस्तान में 22 और इस्लामाबाद में 10 मामलों की पुष्टि हुई है। इसी बीच, प्रधानमंत्री इमरान खान ने सभी से खुद को 45 दिनों तक अलग रखने का आग्रह किया है।

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