नई दिल्ली (पीटीआई) सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें केंद्र से अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) से संपर्क करने और उसने चीन से 600 बिलियन डॉलर के मुआवजे की मांग को लेकर उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए कहा गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चीन ने 'जानबूझकर' यह महामारी फैलाई है, इसलिए उससे मुआवजे की मांग की जानी चाहिए। याचिका में दावा किया गया है कि चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोरोना वायरस या कोविड-19 की उत्पत्ति हुई थी और इसका पुख्ता सबूत भी है। बता दें कि कोरोना वायरस ने भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया है और इसने देश में सैकड़ों लोगों की जान ले ली है।

भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में बनाया गया है कोरोना वायरस

मदुरई निवासी के के रमेश द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि कोरोना वायरस को जानबूझकर चीन द्वारा भारत के खिलाफ जैविक हथियार के रूप में बनाया गया है। इस याचिका को अदालत में वकील सी आर जया सूकिन द्वारा दायर किया गया है। इसमें जोर देकर कहा गया है कि कोरोना वायरस भारत, अन्य देशों और महाद्वीपों तक फैल गया लेकिन अगर चीन की बात करें तो उसके वुहान शहर को छोड़कर यह किसी भी शहर में नहीं फैला। याचिका में कहा गया है कि चूंकि निजी व्यक्ति आईसीजे से संपर्क नहीं कर सकते हैं, इसलिए केंद्र को इस संबंध में मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस के 56,000 से अधिक पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इसके अलावा, इस बीमारी से 1,886 मौतें हुईं हैं।

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