लंदन (रायटर्स)। 106 साल की दादी जो ब्रिटेन की सबसे बुजुर्ग कोरोना पेशेंट मानी जा रही हैं, उन्हें बुधवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। दादी पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौटी। अस्पताल में नर्सों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने उन्हें ताली बजाकर विदा किया। कोनी टिचेन जो कि बर्मिंघम में रहती हैं। उनका इंग्लैंड के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। कोनी करीब तीन हफ्ते तक अस्पताल में एडमिट रही। आखिर में जब वह पूरी तरह से ठीक हो गईं तो अस्पताल ने उन्हें घर भेज दिया। घर जाने से पहले कोनी ने कहा, 'मैं काफी खुशकिस्मत हूं कि कोरोना को मात दे पाई। मैं अब अपने परिवार से मिलने का और इंतजार नहीं कर सकती।'

स्वास्थ कर्मियों ने बजाई तालियां

106 साल की कोनी को जब अस्पताल से बाहर निकाला गया तो अस्पाताल के स्वास्थ कर्मियों ने मॉस्क पहनकर एक लाइन में खड़े होकर कोनी के लिए ताली बजाई। टिचेन ने नर्सों से बताया कि, वह अपनी फैमिली से मिलने को काफी उत्सुक हैं, साथ ही उन्हें घर का बना अच्छा खाना खाना है। मैं काफी भूखी हूं।

महिला ने अपने सामने देखे दोनों विश्व युद्घ

टिचेन का जन्म 1913 में हुआ था। जब क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय के दादा जार्ज वी का राज चलता था। यही नहीं टिचेन 1917 में हुई रूसी क्रांति से पहले पैदा हो गई थी। टिचेन ने अपने सामने दोनों विश्व युद्घ होते देखे हैं और अब वह कोरोना से भी बच गईं। टिचेन को मार्च के मध्य में अस्पताल में एडमिट किया गया था। उन्हें न्यूमोनिया की शिकायत थी, बाद में वह कोरोना पॉजिटिव पाई गई। फिर भी उन्होंने वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अंत में जीत हासिल की।

हो चुका है कूल्हे का ऑपरेशन

40 वर्षीय एलेक्स जोन्स, जो कोनी टिचेन की पोती हैं। उन्होंने बताया, 'टिचेन हमेशा फिजिकल एक्टिव रही हैं और वह हमेशा स्वतंत्र रही। दिसंबर में उनकी कूल्हे की हड्डी का भी ऑपरेशन हुआ था। मगर 30 दिनों के भीतर वो चलने लगी। वह काफी मजबूत हैं। परिवार के सभी सदस्य उनसे मिलने के इच्छुक हैं।

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