लखनऊ (आईएएनएस) उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस कर्मियों और सैनिटरी कर्मचारियों सहित सभी कोरोना योद्धाओं पर हमला करने वालों को कड़ी सजा दिलाने के लिए महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन करने का निर्णय लिया है। बता दें कि केंद्र सरकार स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए अध्यादेश लेकर लाई, इसके बाद ही यूपी में इस तरह का निर्णय लिया गया है। अपर मुख्य सचिव (गृह), अवनीश अवस्थी के अनुसार, उत्तर प्रदेश महामारी रोग कोविड-19 विनियम में यूपी सरकार द्वारा किए गए संशोधन के साथ अध्यादेश जल्द से जल्द पेश किया जाएगा। यह प्रस्तावित है कि अध्यादेश में 5 लाख रुपये तक के जुर्माने और सात साल तक की जेल की सजा के प्रावधान होंगे।

अध्यादेश जारी होते ही प्रभावी होगा संशोधन

अध्यादेश जारी होते ही संशोधन प्रभावी हो जाएगा। अध्यादेश का मतलब उन लोगों को कड़ी सजा दिलाना है, जो कोरोना योद्धाओं का अपमान कर रहे हैं और उन पर हमला कर रहे हैं, जिनमें डॉक्टर, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पुलिस कर्मी और कोरोनोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में शामिल स्वच्छता कार्यकर्ता शामिल हैं। कोरोना योद्धाओं पर थूकना भी इसके तहत अपराध होगा। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को राज्य के कोविड -19 अस्पतालों में 52,000 अतिरिक्त बेड जोड़ने का भी निर्देश दिया है। अवस्थी ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा 17,000 बिस्तर जोड़े जाएंगे, वहीं चिकित्सा शैक्षिक विभाग द्वारा 35,000 बिस्तर जोड़े जाएंगे। अधिकारी ने कहा, 'स्वास्थ्य विभाग लेवल वन में 10,000 बेड, लेवल दो में (ऑक्सीजन के साथ) 5,000 बेड और लेवल तीन में 2,000 बेड (वेंटिलेटर के साथ) जोड़ेगा। चिकित्सा शिक्षा विभाग लेवल एक में 20,000 बेड, लेवल दो में 10,000 बेड और लेवल तीन में 5,000 बेड बढ़ाएगा।'

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