- स्कॉलरशिप स्कैम का मुख्य अरोपी है डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर

- मंडे को अनुसूचित जनजाति निदेशालय ने किया था सस्पेंड

- ट्यूजडे को अप्रैल से अब तक की सैलरी रोकी, केबिन किया लॉक

देहरादून: करोड़ों के स्कॉलरशिप स्कैम में अरेस्ट किए गए जनजाति कल्याण निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर अनुराग शंखधर के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू हो गई है. शंखधर की अप्रैल से अब तक सैलरी रोक दी गई है, उनके केबिन से विभागीय फाइलें जब्त कर नेम प्लेट हटाकर केबिन लॉक कर दिया गया है. हालांकि निदेशालय द्वारा मामला कोर्ट में होने के चलते विभागीय जांच न किए जाने का तर्क दिया गया है.

पहले छुट्टी, फिर बिना छुट्टी गायब

स्कॉलरशिप स्कैम के मास्टरमाइंड अनुराग शंखधर को जनजाति कल्याण निदेशालय द्वारा मंडे को सस्पेंड कर दिया गया था. ट्यूजडे को डायरेक्टर बीआर टम्टा ने निदेशालय पहुंचते ही अनुराग शंखधर के केबिन से नेम प्लेट उतरवाकर विभागीय फाइलें सुरक्षित रखने के निर्देश दिए. इसके बाद केबिन लॉक करवा दिया गया है. बिना बताए छुट्टी जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए शंखधर की सैलरी रोक दी गई है. शंखधर ने 20 मार्च से 20 अप्रैल तक का ईएल मांगी थी. लेकिन, 20 अप्रैल के बाद भी उन्होंने ज्वाइन नहीं किया. इसके बाद उन्होंने 2 मई को एक महीने की ईएल और लेने के लिए एप्लीकेशन दी. लेकिन निदेशालय ने इसे कैंसिल कर दिया. एसआईटी के दबाव के चलते वह 14 मई को एक दिन के लिए निदेशालय आए और 7 घंटे पूछताछ के बाद अरेस्ट कर लिए गए.

अनुराग शंखधर की अप्रैल से अब तक की सैलरी रोक दी गई है. उनका केबिन लॉक कर दिया गया है. कोर्ट के डिसिजन के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

बीआर टम्टा, डायरेक्टर, जनजाति कल्याण