काशी विद्यापीठ में एडमिशन के लिए काउंसलिंग कल से, सिक्योरिटी के लिए टाइट इंतजाम

जाति प्रमाण पत्र को छह महीने की बाध्यता खत्म, अब तीन साल के अंदर बने सर्टिफिकेट भी होंगे मान्य

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में यूजी व पीजी में एडमिशन के लिए काउंसलिंग क्क् अगस्त से होगी। इस बार सिक्योरिटी के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। प्लैन के मुताबिक इस बार केवल कैंडीडेट्स को ही एंट्री दी जाएगी। उसे किसी भी हाल में एंट्री नहीं दी जाएगी जिसका काउंसलिंग नहीं होगा। खास बात यह है कि ओबीसी कैटगरी के कैंडीडेट्स के लिए छह महीने के अंदर जारी जाति प्रमाणपत्र की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। इसके स्थान पर अब तीन साल के भीतर बने जाति प्रमाणपत्र भी मान्य किए जाएंगे।

मिला शासन का लेटर

एडमिशन सेल के संयोजक प्रो। कृपा शंकर जायसवाल ने बताया कि यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन से जाति प्रमाणपत्र से रिलेटेड संशोधित शासनादेश मिल चुका है। इसके आधार पर यह डिसीजन लिया गया है। पहले दिन क्क् अगस्त को एमकॉम व पीजीडीसीए में एडमिशन के लिए ओबीसी, एससी व एसटी कैटगरी के कैंडीडेट्स को कॉल किया गया है। कैंडीडेट्स को इसकी सूचना यूनिवर्सिटी की वेबसाइट, एसएमएस, ई-मेल के थ्रू से दे दी गई है।

इन्हें साथ लाना न भूलें

- समस्त शैक्षिक प्रमाणपत्रों की मूल व दो सेट जिरॉक्स कॉपी

- करेक्टर सर्टिफिकेट

- टीसी व माइग्रेशन

- आरक्षित कैटगरी के कैंडीडेट्स के लिए जाति प्रमाणपत्र