काशी विद्यापीठ में एडमिशन फॉर्म भरे स्टूडेंट्स की बढ़ी परेशानी, ठप काउंसलिंग ने बढ़ाई टेंशन

यूनिवर्सिटी के चक्कर में कॉलेजेज के काउंसलिंग में नहीं हो रहे अपीयर

VARANASI

सीन वन-

अन्नपूर्णा नगर के प्रवीण केशरी ने बीकॉम में एडमिशन के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ व हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में फॉर्म भरा है। हरिश्चंद्र पीजी कॉलेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग हो रही है तो काशी विद्यापीठ में काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई है। अब वो तय नहीं कर पा रहे हैं कि कॉलेज में एडमिशन ले लें या यूनिवर्सिटी का इंतजार करें।

सीन टू--

अर्दली बाजार की स्वाति सिंह के सामने तो यूजी में एडमिशन का अब बस काशी विद्यापीठ ही एकलौता ऑप्शन है क्योंकि अग्रसेन पीजी कॉलेज में काउंसलिंग लगभग पूरी हो चुकी है। वहां मेरिट लिस्ट में नाम होने के बाद भी स्वाति ने एडमिशन नहीं लिया। अब यदि काशी विद्यापीठ में भी एडमिशन नहीं हुआ तो उनका साल बर्बाद होना तय है।

यह प्रवीण केशरी और स्वाति सिंह की कहानी मात्र नहीं बल्कि तल्ख हकीकत है। जिसमें हजारों स्टूडेंट्स फंसे हुए हैं। यूनिवर्सिटी में एडमिशन के चक्कर में ये कॉलेज का भी ऑप्शन गंवा दे रहे हैं। वहीं अधिकतर तय ही नहीं कर पा रहे हैं कि कॉलेज में एडमिशन लें या महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में होने वाली काउंसलिंग का इंतजार करें। अगर यूनिवर्सिटी का ऑप्शन खत्म हो जाता तब दूसरा ऑप्शन देखते तो कोई बात होती, पर यूनिवर्सिटी का ऑप्शन सामने पड़ा हो और कॉलेज में एडमिशन लेना पड़े, यह स्टूडेंट्स के गले के नीचे नहीं उतर रहा है। अब इनका दर्द सुने भी तो कौन?

बवाल ने ठप किया कॅरियर

इस साल ग्रेजुएशन व पीजी में एडमिशन कराने की लाइन में खड़े हजारों स्टूडेंट्स के कॅरियर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। वो डिसीजन नहीं ले पा रहे हैं कि क्या करें? हालांकि हजारों स्टूडेंट्स ने सिटी के यूनिवर्सिटीज में से एक काशी विद्यापीठ में एडमिशन के लिए फॉर्म भरा है। हर साल की तरह इस साल भी विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग भी स्टार्ट हो गई थी। इसी बीच काउंसलिंग में गड़बड़ी का आरोप लगाकर स्टूडेंट्स ने बवाल कर दिया। बस यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को भी जैसे बहाना मिल गया। तत्काल अगले आदेश तक काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई। उधर कॉलेजेज में एडमिशन के लिए काउंसलिंग जारी है। ऐसे में उन स्टूडेंट्स की परेशानी बढ़ गयी, जिनकी यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रबल संभावना है। अब वो डिसाइड नहीं कर पा रहे हैं कि कॉलेज में एडमिशन लें या यूनिवर्सिटी में काउंसलिंग होने का वेट करें।

और बढ़ेगी चिंता

अभी तो यूनिवर्सिटी में केवल बीकॉम की ही काउंसलिंग स्टार्ट थी। लेकिन जब बीए में काउंसलिंग होगी तो बहुत सारे स्टूडेंट्स को झटका लगेगा। कारण कि उनका मेन कैंपस या गंगापुर में एडमिशन हो सकता था। लेकिन उन्होंने कॉलेज में एडमिशन ले लिया है। यही वजह है कि कॉलेजेज की काउंसलिंग में भीड़-भाड़ कम है। यूनिवर्सिटी व कॉलेजेज दोनों जगह फॉर्म भरे बहुत सारे स्टूडेंट्स को उम्मीद है कि कहीं यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका हाथ से न निकल जाए। तब पश्चाताप के अलावा दूसरा और कोई रास्ता नहीं बचेगा। इसमें गार्जियंस का भी प्रेशर है।

अभी करना होगा वेट

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में एडमिशन की काउंसिलिंग को लेकर उहापोह बरकरार है। एडमिशन सेल के संयोजक के इस्तीफा दे देने के बाद भी अब तक नई समिति गठित नहीं की जा सकी है। हालांकि नई एडमिशन कमेटी तीन दिनों के अंदर गठित होने की संभावना है। वहीं काउंसिलिंग अगस्त के फ‌र्स्ट वीक से स्टार्ट कराने की तैयारी चल रही है। बता दें कि यूनिवर्सिटी के यूजी, पीजी व व्यावसायिक कोर्सेज में एडमिशन के लिए काउंसिलिंग क्भ् जुलाई से स्टार्ट की गई थी। इस बीच स्टूडेंट्स ने एडमिशन में अनियमितता का आरोप लगाते हुए काउंसिलिंग सेंटर में तोड़फोड़ कर दी। इससे क्षुब्ध होकर कॉमर्स फैकल्टी के डीन प्रो। कृपाशंकर जायसवाल ने एडमिशन सेल के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसी स्थिति में यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन ने अग्रिम आदेश तक के लिए काउंसलिंग स्थगित कर दिया। अब जब तक काउंसलिंग स्टार्ट नहीं हो जाती तब तक स्टूडेंट्स की परेशानी कम नहीं होगी। वो डेली कैंपस का चक्कर लगा रहे हैं। उधर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि काउंसिलिंग की नई डेट जारी होते ही इसकी सूचना कैंडीडेट्स को एसएमएस से दे दी जाएगी।

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काउंसलिंग न होने से कॅरियर फंसा हुआ है। यह तय करने में मुश्किल हो रहा है कि कहां एडमिशन लें। यदि कॉलेज में एडमिशन ले लें तो कहीं यूनिवर्सिटी न छूट जाए।

एकता सैनी, स्टूडेंट

यूनिवर्सिटी में प्रॉपर काउंसलिंग हो गई होती तो कॉलेज का चक्कर न काटना होता। हम इधर के हुए ना उधर के। बेहतर होता काशी विद्यापीठ में फॉर्म ही न भरते।

जावेद कुरैशी, स्टूडेंट

काशी विद्यापीठ की मेरिट लिस्ट में नाम होने के बाद भी कॉलेज में एडमिशन की सोच रही हूं। कहीं कॉलेज में एडमिशन का भी मौका हाथ से निकल न जाए।

चांदनी सिंह, स्टूडेंट

यह तो गलत है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन को स्टूडेंट्स के कॅरियर का ध्यान रखना चाहिए। कम से कम कॉलेज से पहले काउंसलिंग करा देते तो हमारे हाथ में दो ऑप्शन होते। लेकिन अब तो समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें।

ज्योति पांडेय, स्टूडेंट