- भतीजे की लग्न समारोह में जा रही थी महिला, शाम तक बच्ची को गले से चिपकाए रही

फतेहाबाद। भीषण हादसे के बाद तीन साल की सोना रोए जा रही थी। पिता, चाचा, दादी और छोटी दादी काल के गाल में समा चुके थे। हृदयविदारक दृश्य देख लोगों की रूप कांप गई थी। उसी दौरान वहां से गुजर रहे कार सवार दंपती ने फरिश्ते की सी भूमिका निभाई। कार में शवों के पास फंसी बच्ची को शीशा तोड़कर बाहर निकाला और गले से लगा लिया। उसे खाने को बिस्किट और पीने को दूध दिया। तब वह शांत हुई।

शीशा तोड़कर बाहर निकाली मासूम

नई दिल्ली निवासी रजनीश निगम अपनी पत्‍‌नी माया निगम के साथ कार से मैनपुरी जा रहे थे। दरअसल माया के भतीजे के यहां मैनपुरी में लग्न समारोह का कार्यक्रम था। रजनीश ने बताया कि फतेहाबाद क्षेत्र में पहुंचते ही अचानक एक्सप्रेस वे पर उन्हें एक कार ने ओवरटेक किया। कार थोड़ा ही आगे बढ़ी थी कि आगे चल रहे ट्रक के ब्रेक लगा देने से उसमें जा घुसी। सब चीख रहे थे। अकेली सोना रोए जा रही थी। रजनीश पहुंचे, पत्थर से शीशे को तोड़ा और सोना को बाहर निकाला। माया ने बच्ची को गले से लगा लिया। शाम छह बजे सोना के परिवार के अन्य लोग पहुंचे तब दंपती ने विदा ली। तब तक उनकी भी आंखों से आंसू टपकते रहे।

मृत मालिक को छोड़ने को तैयार न था पालतू कुत्ता

फतेहाबाद: दुर्घटनाग्रस्त कार में सोना के अलावा पालतू कुत्ता पप्पी भी था। भीषण हादसे के बाद कुत्ता भी कार में फंस गया। चीखपुकार मचने पर लोग दौड़े। कुछ ने पुलिस को सूचना दे दी। इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कार सवार फंसे लोगों को एक-एक कर बाहर निकाला जा रहा था। सोना को निकाला जा चुका था। कीर्ति और सुदामा को भी निकालकर अस्पताल भिजवा दिया गया। पालतू कुत्ते को निकालने की कोशिश की तो वह भोंकने लगा। बाहर खींचने पर दो लोगों को काट लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुत्ता हरगिज अपने मालिक को छोड़ने को तैयार नहीं था। काफी देर बाद उसे हटाकर रोहित, मोहित व विनीता के शवों को बाहर निकाला जा सका।