- एडीजे कोर्ट ने हत्या के प्रयास में पिता-पुत्र को सुनाई 10-10 साल की सजा

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देहरादून: हत्या के प्रयास के मामले में दोषी को जैसे ही अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाई गई, वह कटघरे में ही बेहोश हो गया. दरअसल हत्या के प्रयास के एक मामले में पिता-पुत्र आरोपी थे, फ्राइडे को कोर्ट में इस मसले पर अंतिम सुनवाई हुई. दोनों को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद एक दोषी कटघरे में ही बेहोश हो गया, उसे उपचार के लिए सीएचसी विकासनगर ले जाया गया, जहां फ‌र्स्ट एड के बाद उसे दून हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया.

2014 का मामला

विकासनगर, ढकरानी निवासी धर्मपाल पुत्र हुकुम सिंह ने विकासनगर पुलिस को तहरीर दी कि 3 मई 2014 को नदी किनारे उसके खेत में गुलजार पुत्र अलाउद्दीन उसका बेटा मोहम्मद शहजाद और पत्नी हसीना अवैध खनन कर रहे थे. विरोध करने पर तीनों ने उसके भाई जयपाल को गैंती-बेलचे से घायल कर दिया. पुलिस ने तीनों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया और चार्जशीट दाखिल की. मामले में 8 लोगों की गवाही के बाद बचाव और अभियोजन पक्ष को सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नसीम अहमद की कोर्ट ने संदेह के आधार पर आरोपी हसीना को बरी कर दिया. सहायक शासकीय अधिवक्ता नरेश बहुगुणा ने बताया कि कोर्ट ने फ्राइडे को हत्या के प्रयास में दोषी ठहराए गए गुलजार और उसके पुत्र मोहम्मद शहजाद दोनों को 10-10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा मारपीट और जान से मारने की धमकी के मामले में एडीजे कोर्ट ने दोषी पिता-पुत्र को 2-2 साल की सजा भी सुनाई और 10-10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया. बताया कि सभी सजाएं एक साथ चलेंगी.