- आरोपी सैलून संचालक को पोक्सो कोर्ट ने दिया दोषी करार

- 10 वर्ष की सजा के साथ 21 हजार जुर्माना भी

देहरादून: नाबालिग छात्रा से रेप मामले में स्पेशल जज पोक्सो रमा पांडेय की कोर्ट ने वेडनसडे को सैलून संचालक को दोषी करार देते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दोषी मूलरूप से मुजफ्फरनगर के पुरकाजी का रहने वाला है. कोर्ट ने उस पर 21 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है, जिसमें से 10 हजार रुपये पीडि़ता को दिए जाएंगे.

फरवरी 2018 का मामला

सरकारी वकील भरत सिंह नेगी ने कोर्ट को बताया कि शहर कोतवाली के एक मोहल्ले में मोमीन उर्फ साहिल सलमानी पुत्र शकील अहमद निवासी पुरकाजी, मुजफ्फरनगर सैलून चलाता था. 18 फरवरी 2018 को उसने सड़क से गुजर रही हाईस्कूल की छात्रा को जबरन दुकान में खींच लिया और उसके साथ रेप किया. इसके बाद उसने 3 मार्च और 6 मार्च को भी छात्रा के साथ रेप किया. अप्रैल 2018 में रेप पीडि़ता के पेट में दर्द हुआ तो उसने पूरी बात अपनी मां को बताई थी. मां ने शहर कोतवाली में मोमीन के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धाराओं में केस दर्ज कराया. 17 अप्रैल 2018 को पुलिस ने मोमीन को अरेस्ट कर जेल भेज दिया था. उसके खिलाफ 20 अगस्त 2018 को आरोप तय किए गये. अभियोजन पक्ष ने कुल 9 गवाह पेश किए. बचाव पक्ष से कोई गवाह नहीं पहुंचा. कोर्ट ने पीडि़ता के मजिस्ट्रेटी बयान और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मोमीन को दोषी मानते हुए 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई. वहीं जुर्माना अदा न करने की स्थिति में उसे 6 माह अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी.