मुंबई (पीटीआई)। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने शुक्रवार को बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान और दो अन्य की जमानत याचिका खारिज कर दी। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर एम नेर्लिकर ने कहा कि आर्यन (23), मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट की ओर से दायर याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं। हालांकि आर्यन के वकील का कहना है कि वह सेशंस कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

14 दिन की न्यायिक हिरासत में आर्यन
गोवा जाने वाले एक क्रूज जहाज पर छापेमारी के बाद रविवार को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने तीनों को कुछ अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया था। गुरुवार को, अदालत ने आर्यन और सात अन्य की हिरासत के लिए एनसीबी के अनुरोध को खारिज कर दिया था और इसके बजाय उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। संयोग से आर्यन की जमानत खारिज करने का कोर्ट का आदेश उनकी मां गौरी खान के 51वें जन्मदिन पर आया।

कोर्ट ने क्यों नहीं दी जमानत
सुनवाई के दौरान, एनसीबी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) अनिल सिंह ने जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए तर्क दिया कि इन आवेदनों को सुनने के लिए एक मजिस्ट्रेट के पास कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है। उन्होंने पिछले कई फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत सभी मामलों की सुनवाई एक विशेष अदालत द्वारा की जानी चाहिए। सिंह ने यह भी तर्क दिया कि यह संयोग नहीं हो सकता कि सभी आरोपी एक ही स्थान पर पाए गए, और आरोप लगाया कि वे नियमित रूप से ड्रग्स के उपभोक्ता थे।

सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं आर्यन
एएसजी ने कहा कि अगर जमानत पर रिहा किया जाता है तो आर्यन खान सबूतों से छेड़छाड़ कर सकता है क्योंकि वह एक प्रभावशाली परिवार से है। सिंह ने दावा किया कि आर्यन खान और सह-आरोपी अंचित कुमार के बीच व्हाट्सएप चैट "फुटबॉल" के बारे में नहीं थी, बल्कि "थोक ड्रग्स मात्रा" के बारे में थी। खान के वकील सतीश मानेशिंदे ने पहले दावा किया था कि चैट फुटबॉल के बारे में थी। बता दें एनसीबी का कहना है कि आर्यन की चैट से उन्हें काफी सबूत मिले हैं।

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