लाहौर (पीटीआई)। पाकिस्तानी अदालत ने मंगलवार को पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई और पीएमएल-एन प्रमुख शाहबाज शरीफ को 1,400 करोड़ रुपये के आवास घोटाले में 14 दिनों की रिमांड अवधि बढ़ा दी है। बता दें कि 67 वर्षीय शाहबाज को आशियाना-ए-इकबाल हाउसिंग प्रोजेक्ट घोटाले में 5 अक्टूबर को राष्ट्रीय उत्तरदायित्व ब्यूरो (एनएबी) ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद उन्हें कोर्ट ने एनएबी के 10 दिन की हिरासत में भेज दिया था। शाहबाज को उस वक्त उच्च सुरक्षा के बीच जवाबदेही अदालत में लाया गया था। अदालत परिसर में बड़ी संख्या में पीएमएल-एन कार्यकर्ता भी मौजूद थे।उन्होंने उत्तरदायित्व न्यायालय में सुनवाई के दौरान  जज से कहा कि उन्होंने प्रोजेक्ट में कोई घोटाला नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि एनएबी 10 दिनों की रिमांड के दौरान उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं ढूंढ पाई।

तीन दिनों में कोई पूछताछ नहीं

शाहबाज ने पूछा कि जब वे एनएबी को पूरी तरह से मामले की जांच में सहयोग कर रहे हैं तो एनएबी अपने रिमांड की अवधि क्यों बढ़ाना चाहता था। उन्होंने कहा, 'पिछले तीन दिनों में किसी एनएबी अधिकारी ने मुझसे इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की।' उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हाउसिंग प्रोजेक्ट के अनुबंध में कानूनी प्रक्रिया का पालन किया था। शाहबाज ने अदालत में कहा, 'मैंने देश की सेवा की है और मुख्यमंत्री (2008-2018) के रूप में मैंने अपने कार्यकाल के दौरान कई विकास परियोजनाओं में अरबों रुपये बचाए हैं।' बता दें कि एनएबी के वकील ने अदालत से शाहबाज के रिमांड की अवधि बढ़ाने का अनुरोध किया, जिसे मंजूरी मिल गई।अदालत ने शाहबाज को 14 दिनों तक (30 अक्टूबर तक) के लिए एनएबी की हिरासत में भेज दिया है।

जबरन फंसाने का आरोप

बता दें कि शाहबाज पर अपने पद का दुरूपयोग करने और कथित रूप से आशियाना हाउसिंग प्रोजेक्ट में 14 बिलियन रुपये और पंजाब साफ पानी कंपनी में 4 बिलियन रुपये का घोटाला का आरोप है। हालांकि, इन आरोपों पर उनका कहना है कि  उन्होंने एक रुपये का भी घोटाला नहीं किया है, उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा है।

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