पेरिस (एएफपी)आम समय में, पेरिस के उत्तर-पश्चिमी इलाके में स्थित इस मोर्चरी में हर दिन दो या तीन लाशें मिलती हैं लेकिन कोरोना वायरस से बढ़ते मौतों के कारण यहां हाउसफुल का नजारा देखने को मिल रहा है, जिसका अर्थ है कि मोर्चरी में लोगों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। सबीन नाम की एक महिला ने पूरा नाम न बताने की शर्त पर एएफपी को बताया, 'फिलहाल, हमारे पास 50 कैडर हैं। वे लगातार पहुंच रहे हैं। इतने ताबूत पहुंचे कि हमें नहीं पता कि उन्हें कहां रखा जाए।' बता दें कि यहां आगंतुकों के लिए छह विजिटर प्लेस हैं लेकिन इस सभी भरे हैं, अंतिम संस्कार के लिए यहां कोई जगह तक नहीं बचा है। COVID-19 से सबसे अधिक मौत वाले देशों में से एक फ्रांस ने अब तक 2,600 से अधिक पंजीकृत मौतें देखी हैं। हालांकि, इस आकड़े में उन लोगों को नहीं रखा गया है, जो सीमा पर शहीद हुए हैं या अस्पतालों में मरे हैं।

कर्मचारियों को नहीं दी जा रही है असली जानकारी

सबीन ने अपने बयान में कहा, 'हमें बताया गया है कि लोगों की मृत्यु प्राकृतिक मृत्यु से हुई है, वे दिल का दौरा पड़ने या श्वसन विफलता से मर गए हैं लेकिन बाद में हमें पता चला कि वे कोरोना वायरस से मर गए होंगे। कई मामलों में, हम मानते हैं कि उनका कभी भी परीक्षण ही नहीं किया गया था।' हालांकि, इस तरह की चीजें लोगों को जोखिम में डाल सकती हैं। सबीन के ऑफिस में कर्मचारी इस बात से चिंतित हैं कि उन्हें तुरंत सुरक्षात्मक चश्मे, कोट, दस्ताने और मुखौटे मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। सबीन ने कहा, 'फिलहाल, मास्क की कमी है और उन्होंने जो दस्ताने दिए हैं, वे खराब क्वालिटी के हैं और हम छूत से बहुत डरते हैं। इस वक्त यहां नौकरी करने वाले लोग डर के कारण काम छोड़ने पर मजबूर हैं। हालात यह हैं कि मृत लोगों को रखने के लिए यहां कॉफिन तक उपलब्ध नहीं हैं। हर दिन लोग यहां अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए फोन करते हैं लेकिन भीड़ के कारण हम उसने यह कहते हैं कि इस वक्त यह संभव नहीं है।

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