नई दिल्ली, 25 मार्च (आईएएनएस)भारत सरकार ने देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सभी ट्रेनों को रद करने की घोषणा की है। इसको लेकर तमाम लोग अपने रेल टिकट कैंसल करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच, इंडियन रेल कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने बुधवार को लोगों से अपील की है कि वे ट्रेन रद होने की स्थिति में साइट के माध्यम से अपने ई-टिकट को खुद रद न करें क्योंकि इससे उनको नुकसान हो सकता है। आईआरसीटीसी के प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह ने रेल यात्रियों के संदेह को दूर करते हुए कहा, 'रेल यात्री इन दिनों ट्रेनों के रद होने की स्थिति में टिकट कैंसलेशन से जुड़े अपने सभी संदेह को दूर करना चाहते हैं। तो बता दें कि अगर ट्रेन को रेलवे/सरकार की तरफ से रद किया गया है तो ई-टिकट पर रिफंड पूरा मिलेगा और आपका टिकट भी खुद कैंसल हो जाएगा।'

14 अप्रैल तक सभी ट्रेन रद

प्रवक्ता ने आगे कहा, 'इस मामले में यूजर्स को खुद टिकट कैंसल करने की कोई आवश्यकता नहीं है। आईआरसीटीसी के अधिकारी ने यह कहा कि अगर यूजर्स ट्रेन रद होने की स्थितियों में अपना ई-टिकट खुद कैंसल करते हैं, तो संभावना है कि उन्हें रिफंड कम मिल सकती है। उन्होंने कहा, 'इसलिए यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उन ट्रेनों के लिए ई-टिकट कैंसल न करें, जिन्हें रेलवे ने रद कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि रिफंड राशि ई-टिकट बुक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले यूजर्स अकाउंट में ऑटोमैटिक जमा हो जाएगी। बता दें कि अधिकारी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में 21 दिनों के लॉक डाउन के कारण राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने 14 अप्रैल तक यात्री, मेल और एक्सप्रेस सेवाओं के निलंबन की घोषणा की है।

आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति के लिए केवल माल गाड़ियों का परिचालन

रेलवे ने कोरोना वायरस के प्रसार से निपटने के लिए देश भर में 13,600 से अधिक यात्री ट्रेनों को रद कर दिया है। आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केवल माल गाड़ियां चल रही हैं। देश भर में हर दिन लगभग 9,000 मालगाड़ियां आवश्यक वस्तुओं को पहुंचा रही हैं।

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