नई दिल्ली (एएनआईं) देश इस वक्त कोरोना वायरस के प्रसार से जूझ रहा है, वहीं सोशल मीडिया पर वायरस से संबंधित बहुत सी गलत जानकारी फैल रही हैं। व्हाट्सएप पर इन दिनों ऐसे कई मैसेज आते हैं, जो यह दावा करते हैं कि डॉक्टर इस तरह की सलाह दे रहे हैं लेकिन वास्तव में वह झूठी जानकारी के साथ समाज को कई नुकसान पहुंचा रहे हैं। अब उन सूचना को गलत साबित करने की कोशिश में, भारत सरकार ने कुछ सबसे आम मिथकों को सूचीबद्ध किया है और MyGov वेबसाइट पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की जानकारी का उपयोग करके उनका भंडाफोड़ किया है।

गर्मी से नहीं पनप सकता है यह वायरस

सबसे आम मिथक है, जो बता रहा है कि कोरोना वायरस गर्म तापमान में नहीं पनप सकता है और इसलिए, गर्म स्नान और गर्म पानी से हाथ धोना वायरस को मारने में सहायक होते हैं। हालांकि, MyGov.in ने WHO को हवाले से बताया से बताया है कि इस तरह के दावे गलत हैं. संगठन के अनुसार, वायरस गर्म और आर्द्र जलवायु व गर्म स्नान में प्रसारित हो सकता है और हाथ सुखाने वालों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। वहीं, एक अन्य तापमान संबंधी मिथक है कि बर्फ और ठंड का मौसम उस वायरस को मार सकता है जो सरकारी वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार गलत है। हालांकि डेंगू बुखार, जापानी इंसेफेलाइटिस और वेस्ट नाइल बुखार जैसे कई वायरल रोग मच्छरों के काटने से फैलते हैं, कोरोना वायरस केवल मानव संचार के माध्यम से फैल सकता है।

पालतू जानवरों से नहीं फैलता है यह संक्रमण

समाज को नुकसान पहुंचाने वाला गलत सूचना यह भी है कि पालतू पशुओं से यह बीमारी फैलता है। इससे प्रभावित होकर, कई माता-पिता खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने की कोशिश में जानवरों को छोड़ रहे हैं। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (CDC) दोनों ने इस तरह के किसी भी दावे से इनकार किया है। सीडीसी के एक बयान में लिखा है, 'सीडीसी को कोरोना से पालतू जानवरों या अन्य जानवरों के बीमार होने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।' एक और मिथक यह है कि लहसुन जैसी कुछ सब्जियों का सेवन लोगों को कोरोना वायरस से बचा सकता है, लेकिन डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इस तरह के कोई भी सबूत दावे से संबंधित नहीं मिले हैं।

National News inextlive from India News Desk