नई दिल्ली (पीटीआई)। कोरोना वायरस को रोकने के लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में कहा धूम्रपान रहित तम्बाकू, पान मसाला और सुपारी (सुपारी) जैसे उत्पाद चबाने से लार काफी ज्यादा निकलती है जिसके बाद थूकने की बहुत तीव्र इच्छा होती है। इससे पब्लिक प्लेस पर थूकने से कोरोना के प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे में इस पर रोक लगाया जाए। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भी लोगों से धुआं रहित तंबाकू उत्पादों के सेवन और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करने की अपील की है।

कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक अधिकार

पत्र में कहा गया है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के पास महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम और भारतीय दंड संहिता 1860 के विभिन्न प्रावधानों और कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर (सीआरपीसी) के तहत कोरोना से निपटने के लिए आवश्यक अधिकार हैं। ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि सार्वजनिक रूप से चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के उपयोग और थूकने पर रोक लगाने के लिए उचित कानून के तहत आवश्यक कदम उठाए जा सकते हैं।

इन राज्यों ने पहले ही बैन के दे दिए थे आदेश

बिहार, झारखंड, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, नागालैंड और असम जैसे कुछ राज्यों ने पहले ही कोविड-19 को रोकने के लिए तंबाकू और गुटखा के उपयोग और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए थे। शनिवार को देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या 7,447 पहुंच गई है। इसमें सक्रिय मामलों की संख्या 6,565 है। वहीं मरने वालों की संख्या239 हो गई। 642 लोग ठीक हो गए हैं और एक मरीज पलायन कर गया।

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