-आए दिन होती है विभागों की समीक्षा मीटिंग, लेकिन लापरवाहों को सिर्फ चेतावनी देकर हो रही खानापूर्ति

-गौशाला बनाने का बजट होने के बावजूद समय से पूरा नहीं हुआ निर्माण कार्य, समीक्षा बैठक में हुआ खुलासा

अमूमन बजट न होने की वजह से योजनाएं लेट होती हैं। लेकिन बनारस में ऐसा नहीं होता है। गवर्नमेंट की स्कीम को जिम्मेदार ऑफिसर्स पलीता लगा रहे। लेकिन न तो डीएम साहब कोई कार्रवाई कर रहे हैं और न ही समय से योजनाएं पूरी हो रही हैं। बस चेतावनी देकर खानापूर्ति कर दी जाती है। फ्राइडे को भी विकास भवन में डीएम ने योजनाओं की समीक्षा की और विकास कार्यो में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, कहकर मीटिंग से इतिश्री कर दी। जबकि बजट होने के बाद भी हरहुआ और चिरईगांव गौशाला का कंस्ट्रक्शन टाइम पर पूरा नहीं हो सका है। इसके रिजल्ट ये हैं कि सड़कों पर अब भी निराश्रित जानवर घूम रहे हैं और एक्सीडेंट का कारण बन रहे हैं।

जमीन तक नहीं तलाश पाए

इसके अलावा कैटल कैचिंग के लिए गाडि़यां न खरीदने और डेड बॉडी के डिस्पोजल का सही मैनेजमेंट न होने को लेकर भी 1 परसेंट काम नहीं किया गया है। कैटल कैचिंग का बजट स्वीकृत होने के बावजूद अब तक गाडि़यां न खरीदने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डेड बॉडी के निस्तारण के उचित प्रबंधन पर 15 दिन का समय दिया। हरहुआ और चिरईगांव ब्लाक में पांच-पांच लाख रुपए की धनराशि उपलब्ध होने के बावजूद अब तक गौशाला का निर्माण न होने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने बीडीओ को जल्द ही जमीन खोज कर इसका निर्माण कराने के निर्देश दिए।

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100 गोल्डन कार्ड पर डे

आयुष्मान भारत योजना के तहत 100 गोल्डन कार्ड पर डे बनने के निर्देश दिए। टॉप टेन हॉस्पिटल्स केपेंडिंग क्लेम को डिस्पोज करने को कहा। ग्राम सभा में सरकारी जमीन को चिन्हित कर वीडीए को लैंड बैंक बनाने के लिए कहा। सभी ऑफिसेस को दिव्यांग फ्रैंडली बनाने का निर्देश देते हुए 1 सप्ताह का टाइम दिया। बेसिक शिक्षा की समीक्षा के दौरान बुक्स, जूता मोजा, स्कूल बैग आदि के डिस्ट्रिब्यूशन की जानकारी ली। मीटिंग में सीडीओ मधुसूदन होलगी, सीएमओ डॉ। वीबी सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।