माओवाद कानूनी समस्या नहीं है

सीपीआई का तर्क यह है कि माओवाद कोई समस्या नहीं है बल्कि यह सोशल और इकॉनॉमिक डिसपैरिटी से उपजी समस्या है. माओवाद के मसले को बंदूक से नहीं सुलझाया जा सकता.

माओवादियों पर बैन से बढ़ी है अशांति : के नारायण

सीपीआई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रेसीडेंट के नारायम ने कहा कि सरकार नक्सलवाद या माओवाद को कानूनी समस्या मान लेती है. जबकि ऐसा सच नहीं है. माओवाद सोशल और इकॉनॉमिक डिसपैरिटी से उपजी समस्या है. हम गोलियों और बंदूक के दम पर उनसे नहीं जीत सकते. माओवादियों पर बैन लगाने से तनाव और अशांति ही बढ़ती है. बेहतर होगा अगर सरकार इसे एक सामाजिक और आर्थिक समस्या के तौर पर ले. तभी कारगार ढंग से इस मसले का हल ढ़ूंढा जा सकता है.

राजनाथ ने कहा था नक्सलियों से बात नहीं होगी

सीपीआई ने यह बात होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह के कल के बयान के बाद कही है. शुक्रवार को राजनाथ ने कहा था कि सरकार नक्सलियों से कोई बात नहीं करेगी. अगर वे हमला करते हैं तो उसका हमले से ही जवाब दिया जाएगा. इसके अलावा होम मिनिस्ट्री ने बयान जारी किया कि नक्सलिज्म को कुचलने के लिए एक स्पेशल फोर्स बनाई जाएगी, जिसे पूरी तरह से सेंट्रल गवर्नमेंट की ओर से मदद मिली होगी.

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