विशाखापत्तनम (पीटीआई)। क्रेन से कुचलकर मौके पर ही सबकी मौत हो गई थी। ट्रायल के दौरान क्रेन अपने बेस से अलग हो गया और तेज आवाज के साथ जमीनदोज हो गया। कांट्रेक्टर बदलने की वजह से सामान्य कामकाज के लिए दो साल पहले ही इस क्रेन का निर्माण किया गया था। लेकिन अभी तक इससे काम नहीं लिया जाता था। एचएसएल प्रबंधन ने तीन नये कांट्रेक्टरों की मदद से क्रेन का ट्रायल शुरू किया था।

मुख्यमंत्री ने फोन पर ली घटना की जानकारी

विशाखापत्तनम जिला कलेक्टर वी विनय चंद ने कहा कि अभी लोड टेस्ट हो ही रहा था कि क्रेन अपने बेस से अलग हो गया और जमीन पर गिर पड़ा। दुर्घटना में 11 लोगों की मौके पर ही क्रेन के नीचे दबकर मौत हो गई। इसके अलावा इस हादसे में और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विनय चंद से बात करके घटना की जानकारी ली। रेड्डी ने कलेक्टर और विशाखापत्तनम शहर के पुलिस कमीशनर आरके मीणा को जरूरी कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं।

एचएसएल ने आंतरिक जांच कमेटी बनाई

कलेक्टर ने हादसे की जगह का मौका मुआयना करने के बाद प्रेस को बताया कि मृत 11 कर्मचारियों में से 4 एचएसएल कर्मचारी थी। इनमें एक सुपरवाइजर भी शामिल था। सात अन्य कर्मचारी तीन कांट्रेक्ट एजेंसियों से थे। सभी मृतकों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। एचएसएल ने ऑपरेशन डाइरेक्टर की अगुआई में एक आंतरिक जांच कमेटी का गठन कर दिया है।

कलेक्टर ने गठित की स्वतंत्र जांच कमेटी

कलेक्टर ने एक स्वतंत्र जांच कमेटी का गठन किया है जिसमें इंजीनियर, आंध्र इंजीनियरिंग काॅलेज के सिविल और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग संकाय के एचओडी शामिल होंगे। इनका काम क्रेन हादसे की वजह की जांच करना है। कलेक्टर ने कहा कि स्वतंत्र जांच कमेटी इस बात का पता लगाएगी कि क्रेन हादसा मानवीय भूल से तो नहीं हुआ है।

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