PATNA : भले ही बीसीसीआई ने एडहॉक कमेटी बना दिया, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि रूटीन में दिल्ली या गोवा से शायद ही कोई यहां की मूलभूत समस्या को देखने आएगा। बिहार में क्रिकेटरों को इस बात की आशा जगी है कि क्रिकेट में वे अपनी जगह बना सकेंगे। पिछले एक दशक पर गौर करें तो यहां एसोसिएशन ने क्रिकेट खेल को अपनी मनमानी का जरिया बनाया लिया है।

रणजी के कप्तान का हाल

मनीष कुमार सोनी एक ऐसा नाम है जिसके साथ वो यादें अबतक ताजा हैं जिसमें मनीष ने कप्तानी की और वर्तमान कैप्टन महेंद्र सिंह धोनी उनके साथ खेल चुके है। मनीष ख्00क्-ख् के दौरान रणजी क्रिकेट के कप्तान रहे हैं। वे पटना के मूल निवासी हैं और नए खिलाडि़यों को प्रमोट भी करते हैं। वे चाहते हैं कि उन्हें क्रिकेट एसोसिएशन में जगह मिले, लेकिन अंदरखाने से खबर है कि वे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी अजय नारायण शर्मा इसके खिलाफ हैं।

जिन्होंने फैसले को बताया दुखद

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के सेक्रेटरी अजय नारायण शर्मा ने बीसीसीआई के एडहॉक कमेटी बनाए जाने को दुखद बताया है। उनका कहना है कि जब एसोसिएशन का मामला कोर्ट ने सुलझाया है तो ऐसे में यह फैसला किसी काम का नहीं है।

खिलाडि़यों का दर्द कौन सुनेगा

ऐसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने आई नेक्स्ट से अपनी आपबीती सुनाई है, लेकिन कार्रवाई के डर से वे अपना नाम सामने नहीं लाना चाहते। सूत्रों ने बताया कि जो खिलाड़ी अच्छा खेलते हैं उन्हें अच्छा प्लेटफॉर्म देने के नाम पर पैसे की मांग करते हैं। इसमें बिहार क्रिक्रेट एसोसिएशन को ऐसे खिलाडि़यों ने दोषी बताया है। फिलहाल आलम है कि यहां खिलाडि़यों के न कोच की व्यवस्था है और न ही अन्य ऐसी सुविधा जिससे उन्हें बिहार से बाहर सलेक्शन हो।