अर्थव्यवस्था पर सीधा असर

आईपीएल क्रिकेट का वार्षिक समारोह है और 2015 सत्र में आठ फ्रेंचाइजियों के 193 क्रिकेटर तथा 66 मैच 44 दिन के अंदर खेले गए। आईपीएल ने 12 शहरों के 13 मैदानों पर मैच का आयोजन किया और स्टेडियम में दर्शकों की मौजूदगी 1.71 मिलियन रही।आईपीएल मैचों का कई तरीकों से भारत की अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ता है। प्रमुख स्टेकहोल्डर्स जिसमें हिस्सेदार फ्रेंचाइजी, आयोजक और दर्शक रोजगार और खरीददारी करके योगदान करते हैं। भारत में 2015 सत्र के हुए मैचों से आईपीएल से जुड़ा आर्थिक उत्पादन करीब 26.5 अरब रुपए रहा। 2015 मैचों की आर्थिक गतिविधियों जैसे डायरेक्ट, इनडायरेक्ट और इंड्यूस्ड इफेक्ट को मिलाकर कुल आमदनी शामिल है। आईपीएल मैच के आयोजन से राज्य की अर्थव्यवस्था में भी मूल्यवृद्धि होती है।

आयोजन से मीडिया एक्सपोजर

2015 सत्र में दर्शकों की मौजूदगी में भी 20 प्रतिशत इजाफा देखने को मिला। यूके, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के पर्यटकों ने मैदान में आकर टीमों का समर्थन किया। केपीएमजी के अध्ययन के मुताबिक पर्यटकों के आने का असर भी भारत और अर्थव्यवस्था पर पड़ा। केपीएमजी ने प्रमुख लाभ और मौकों में पाया कि टूरिज्म (पर्यटन) सेक्टर में रोजगार बढ़ा है। इससे भारत ग्लोबल स्पोर्ट्गिं नक्शे पर अपना स्थान बरकरार रखने में कामयाब हुआ है। भारत में टायर-2 शहरों में मैच के आयोजन से मीडिया एक्सपोजर बढ़ा तथा क्रिकेट का विकास भी हुआ।

साढ़े ग्यारह अरब रुपये

आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा- यह जानकर बहुत प्रेरणा मिली कि आईपीएल का भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव है। टूर्नामेंट की सफलता का अंदाजा इसी से पता चल जाता है कि भारत की जीडीपी में आईपीएल का योगदान साढ़े ग्यारह अरब रुपये का है। आईपीएल के आगामी सत्रों से हम और कई ऊंचाइयां हासिल करेंगे और देश की अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान देने की कोशिश करेंगे। इस सर्वे पर खुशी जाहिर करते हुए बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने कहा- केपीएमजी के अध्ययन से न सिर्फ भारत की जीडीपी में आईपीएल के योगदान की बात सामने आई है बल्कि इससे कई क्षेत्रों में रोजगार के रास्ते खुले है जो शानदार है।

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