DEHRADUN: चुनावी चेकिंग के नाम पर प्रोपर्टी कारोबारी से कैश से भरा बैग लूटने के मामले में तीन पुलिस वाले और साजिशकर्ता सलाखों के पीछे पहुंच गए. आरोपी और संदिग्ध शुरूआत में एसटीएफ की पूछताछ में मदद नहीं कर रहे थे. वारदात वाले दिन सीसीटीवी कैमरो में रिकार्ड हुए वीडियो फुटेज, आरोपियों की कॉल डिटेल्स और न्यूज पेपर्स की कटिंग एसटीएफ के लिए मददगार बनी. लूट कांड के साजिशकर्ता अनुपम शर्मा और लूट के मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आए दरोगा दिनेश नेगी की कॉल डिटेल्स को सामने रखकर पूछताछ की गई तो आरोपी अपनी करतूतें कबूलते चले गए. आईजी के ड्राइवर हिमांशु और घुड़सवार पुलिस के सिपाही मनोज भी फंस गया. इस पर एसटीएफ ने चारों को गिरफ्तार कर लिया. चारों को फिलहाल डालनवाला थाने की हवालात में रखा गया है.

लूट कांड खुला, कैश का गेम रडार पर

एसटीएफ ने प्राइमरी पूछताछ में आी तक अनुपम शर्मा और दरोगा दिनेश नेगी के बैग लूटने का षडयंत्र रचने की परते खोलने में सफलता हासिल कर ली है.लेकिन कैश के पीछे का गेम खुलना अभी शेष है. कैश कितना था और किसका था. एसटीएफ गिरतार किए गए चारों आरोपियों से पूछताछ कर चुकी है. इनसे पूछताछ में खेल में कुछ और नाम भी सामने आए हैं, जिनका कैश से लिंक बताया जा रहा है. कैश किसका था और कितना था. कैश था भी या नहीं. अनुपम शर्मा के मोबाइल की कॉल्स,व्हाट्सएप डिटेल्स एसटीएफ के कजे में हैं. जिनमें इस खेल के पीछे किसी बड़े गेम की साजिश है. ऐसे में एसटीएफ के रडार पर अब कैश पीछे का गेम है.

स्क्रीन शॉट खोलेगा कैश के गेम की पोल

संजय नवानी नामक शख्स ने अनुपम शर्मा को व्हाट्सएप पर अनुरोध का नंबर और कोडवर्ड भेजा था. इसका स्क्रीन शॉट एसटीएफ को मिला है. जिसे आधार बनाकर अनुपम शर्मा से पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद एसटीएफ ने अनुपम शर्मा के व्हाट्सएप की डिटेल्स हासिल कर ली. इसी आधार पर एसटीएफ कैश के संबंध में जानकारी करने का प्रयास कर रही है. साथ ही कैश कहां से आया व इसके पीछे राजनीतिक साजिश व चुनाव में खर्च होने आए ब्लैकमनी वाले एंगल पर जांच की जा रही है.

केस में 4 धाराएं और जोड़ी

पूछताछ के बाद एसटीएफ ने इस केस में चार धाराएं और जोड़ दी है. धारा 341 के तहत रांग फुल प्लानिंग, धारा 365 के तहत किडनेपिंग धारा 170 के तहतके तहत पलिक सर्वेंट बनकर क्राइम करना ाी जोड़ दिया गया है. लूट और षडयंत्र की धाराएं इस केस में पहले से थी.

आरोपियों की सुरक्षा में डालनवाला थाना बना छावनी

एसटीएफ ने लूटकांड में गिरतार चारों आुयक्तों को डालनवाला थाने की हवालात में रखा है. सुरक्षा को देखते हुए थाने को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. थाने के मेन गेट से लेकर अंदर तक 100 से अधिक पुलिस वाले तैनात किए गए हैं. एसपी सिटी श्वेता चौबे,सीओ डालनवाला जया बलूनी, थाना इंचार्ज डालनवाला राजीव रौथाण और एसटीएफ के कुछ ऑफिसर्स भी डालनवाला थाने पर देर रात तक जमे थे. सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किए गए हैं. आरोपियों से कोई संपर्क नहीं कर पाए, सुबह उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

4 आरोपी गिरतार

पुलिस ने इस केस में चार आरोपियों षड़यंत्र के सूत्रधार होटल कारोबारी अनुपम शर्मा निवासी रामनगर, पूर्व सीएम के पीएसओ और डीजी के पीआरओ रहे दरोगा दिनेश नेगी, आईजी गढ़वाल रेंज के ड्राइवर रहे कांस्टेबल हिमांशु उपाध्याय और घुड़सवार पुलिस के जवान मनोज अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें मंडे को पूछताछ के लिए बुलाया गया था. 24 घंटे से अधिक समय तक लंबी पूछताछ के बाद आखिरकार उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

44 कॉल षड़यंत्रकारी और दरोगा के बीच

लूट कांड के साजिशकर्ता अनुपम शर्मा और दरोगा दिनेश नेगी के बीच इस लूट की साजिश रचने के लिए 44 कॉल्स हुए थे. तीन दिन तक साजिश रची गई. अनुपम देहरादून में ही था और अनुरोध पंवार दिल्ली में. अनुरोध को अनुपम ने कॉल कर इनता प्रेशर डाला कि आज ही आकर कैश लेना है तो लो नहीं तो फिर कैश नहीं मिलेगा. जिसका जिम्मेदार वह खुद होगा. इस पर अनुरोध दिल्ली से देहरादून आया और डल्यूआईसी पहुंचा. वहां पहले से अनुपम ने दरोगा दिनेश नेगी को षडयंत्र में शामिल कर रखा था. डब्ल्यू आईसी के बाहर से ही अनुपम की कार के पीछे आईजी के ड्राइवर ने सरकारी स्कार्पियो लगा दी. जिसमें दिनेश नेगी अफसर बनकर बैठा था और घुड़सवार पुलिस का सिपाही मनोज अधिकारी गनमैन. तीनों ने साजिश कर अनुरोध की कार रोककर बैग लूट लिया.