-मैनहोल सफाई करने उतरने दो मजदूरों की मौत,

हादसे से नाराज परिजनों ने एंबुलेंस पर की पत्थरबाजी

-प्रशासन ने घटना की जांच का दिया आदेश

बिना किसी सुरक्षा उपकरण के पाण्डेयपुर में मैनहोल की सफाई करने उतरे दो मजदूर मौत के मुंह में चले गए। दु:खद रहा कि हादसे के वक्त काम कराने वाला ठेकेदार और अन्य साथी भाग खड़े हुए। शुक्रवार की भोर में हुए हादसे की सूचना मिलने पर पहुंची एनडीआरएफ, पुलिस, फायर ब्रिगेड ने सात घंटे तलाश के बाद शव को बाहर निकाला। मृत मजदूरों के परिजन घटना से बेहद आक्रोशित थे। परिजनों ने एंबुलेंस पर पत्थरबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उचित मुआवजे की मांग को लेकर चक्का जाम कर दिया। प्रभारी डीएम गौरांग राठी ने पीडि़त परिजनों को उचित मुआवजे का ऐलान करते हुए जाम समाप्त कराया। मामले में दोषियों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई को भी आश्वस्त किया।

अचानक आयी मौत

पांडेयपुर स्थित काली मंदिर के पास प्राइवेट ठेकेदार सीवर सफाई का काम करा रहा था। भोर में चार बजे तीन मजदूर शिवपुर पुरानी चुंगी स्थित वीडीए कालोनी निवासी चंदन (32 वर्ष), बिहार, मोतिहारी निवासी राजेश (40 वर्ष) और यहीं का उमेश (38 वर्ष) सिल्ट निकालने के लिए गहरे मैनहोल में दाखिल हुए। चंदन ने ज्यों ही जमे सिल्ट पर फावड़ा मारा, उसी वक्त चैंबर की दीवार ढह गई और ऊपर की सड़क धंस गई। तेज रफ्तार से बह रहे नाला के पानी के साथ भारी मलबा मजदूरों पर गिर गया। उमेश किसी तरह बाहर निकल गया जबकि चंदन व राजेश पूरी तरह मलबे में दबे रह गए। घटना होते ही मेनहोल के बारह खड़े ठेकेदार व अन्य लोग मौके से भाग निकले।

साथियों ने भी नहीं दिया साथ

स्थानीय लोगों की सूचना पर एक घंटे बाद पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड ने रेस्क्यू शुरू किया।

संसाधनों को लेकर एनडीआरएफ, भी पहुंच गयी। जलकल व जल निगम से सुपर शकिंग मशीन मौके पर बुलाई गई और दोनों मजदूरों का शव बाहर निकाला गया। यदि समय रहते ठेकेदार अन्य साथियों ने मजदूरों की मदद को आगे आए होते तो शायद यह घटना नहीं होती।

मजदूरों के परिजनों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। हादसे की जांच को लेकर टीम गठित कर दी गई है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

गौरांग राठी, सीडीओ