i special

-सिटी के कीडगंज एरिया में होता है गाडि़यों के काटने का धंधा

-कीडगंज थाना के आस-पास ही बसा है पूरा कारोबार

prakashmani.tripathi@inext.co.in

PRAYAGRAJ: हर तरफ महंगे व्हीकल्स के बिखरे हुए टुकड़े। कटर का तेज शोर। किसी भी अजनबी की आहट पर सतर्क निगाहें और चौकन्ने कान। यह है कीडगंज थाने के सामने की सड़क पर स्थित कबाड़ा मार्केट। शहर में कार कटिंग का सबसे बड़ा ठिकाना। यहां ट्रक से लेकर कार तक के हर पा‌र्ट्स सेकंड हैंड में आपको मिल जाएंगे। अगर कुछ नहीं मिलता तो आपके सवालों का जवाब। न तो ऑफिशियल्स और न ही यहां के व्यापारी एक्सेप्ट करते हैं कि यहां व्हीकल कटिंग होती है। लेकिन यहीं पर सवाल खड़ा होता है कि अगर यहां नहीं कटती गाडि़यां तो कहां से आता है ये सामान?

होती है पूरी पूछताछ

इस मार्केट का जायजा लेने के लिए दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर भी पहुंचा। मार्केट में एंट्री करते ही एक संदेहास्पद माहौल से आप रूबरू होते हैं। सबकुछ सामने होते भी लोगों की एक्स्ट्रा अलर्टनेस आपको चौंकाने लगती है। जैसे ही किसी सामान के बारे में पूछा जाता है पूछताछ शुरू हो जाती है। इस दौरान वह कस्टमर की तरफ से मांगे गए सामान के बारे में पूरी जानकारी लेते हैं। कहां से आए हैं? कौन सी गाड़ी है? क्या मॉडल है? क्या दिक्कत है? जैसे सवालों की एक लंबी फेहरिस्त होती है। पूरी संतुष्टि के बाद ही कस्टमर को पार्ट मिलता है।

इंजन से इंडिकेटर तक सब उपलब्ध

इस मार्केट की खास बात यह है कि यहां महंगी से महंगी कारों का सामान सेकेंड हैंड में आसानी से मिल जाता है। फिर चाहे इंजन हो या फिर इंडिकेटर या उसका टायर है। यह पूछने पर कि सामान कहां से आते हैं, गोलमोल जवाब मिलते हैं। हालांकि कुछ दुकानदारों का कहना है कि गाड़ी मालिक या नीलामी में मिली गाडि़यों को काटने की परमीशन मिलती है। उसी को काटा जाता है। फिर उसके पा‌र्ट्स को यहां बेचा जाता है। वहीं कुछ कहते हैं कि कानपुर और मेरठ जैसे शहरों से इनके पार्ट सेकेंड हैंड रेट पर मंगाए जाते हैं। उसी से पूरा कारोबार चलता है।

--------------

बॉक्स

हमसे नहीं, सेल्स टैक्स वालों से पूछिए

कीडगंज कबाड़ मार्केट के गोदाम में गाडि़यों के कटने के सवाल पर कीडगंज इंस्पेक्टर अंजनी श्रीवास्तव का कहना है कि इसके बारे में हमसे नहीं, सेल टैक्स वालों या नगर निगम वालों से पूछिए। वही इसका रिकार्ड रखते है। हां उन्होंने यह जरूर कहा कि अगर चोरी की गाडि़यों को काटने की कोई शिकायत मिलती है तो हम कार्रवाई करते हैं। बाकी हम कहां तक गाडि़यों की जांच करते फिरेंगे।