- ठेकेदार अवधेश की पत्नी ने कैंट थाने में दर्ज कराया मुकदमा

-पीडब्ल्यूडी ठेकेदार के आत्महत्या मामले की जांच हुई शुरू

शासन स्तर पर गठित कमेटी के साथ बनारस पहुंचे प्रमुख सचिव लोक निर्माण, 18 से पूछताछ

VARANASI

विभागीय भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर जान देने वाले ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव की पत्‍‌नी की तहरीर पर गुरुवार को कैंट पुलिस ने लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता समेत आठ अधिकारियों पर मुकदमा कायम किया है। सभी के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने की धारा में केस दर्ज हुआ है। वहीं इस घटना से नाराज कई विभागों के ठेकेदार अपना बकाया पाने के लिए मुखर हो गए हैं। विभागों पर भ्रष्टाचार की शिकायत करते हुए अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

दर्ज किया बयान

शासन स्तर पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण नितिन रमेश गोकर्ण की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य प्रमुख अभियंता राजन मित्तल बनारस पहुंचे। पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता समेत 18 अभियंता, कर्मचारियों के बयान दर्ज करने के साथ बिल- भुगतान से संबंधित फाइलों को अपने कब्जे में ले लिया। देर शाम प्रमुख सचिव लोनिवि नितिन रमेश गोकर्ण भी आ पहुंचे।

इनके खिलाफ केस हुआ दर्ज

अवधेश की पत्‍‌नी प्रतिभा श्रीवास्तव की तहरीर पर मुख्य अभियंता अंबिका सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण, जेई मनोज कुमार सिंह, सहायक अभियंता आशुतोष सिंह, एसडी मिश्र और बिजली के अभियंता दीपक श्रीवास्तव पर भारतीय दंड विधान की धारा 306 में केस दर्ज किया गया है।

निकाला कैंडिल मार्च

अवधेश की मौत से नाखुश साथी ठेकेदारों ने शाम को पीडब्ल्यूडी कैम्पस से कैंडिल मार्च निकाला। जो नदेसर, वरुणापुल, कचहरी होते हुए सर्किट हाउस पहुंचा। ठेकेदारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग से मुलाकात की और विभागीय अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।

मजिस्ट्रेटी जांच शुरू

लोक निर्माण विभाग में ए ग्रेड पंजीकृत ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने बुधवार को चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह के कमरे में पहुंचे। बिल-भुगतान को लेकर बात करने के बाद अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से खुद को गोली मार दी। अवधेश का पांच करोड़ से अधिक का बिल भुगतान नहीं हो रहा था। ठेकेदार के खुदकशी करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए शासन ने जांच कमेटी गठित की है। डीएम ने भी मजिस्ट्रेटी जांच शुरू करा दी है।