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मातहतों को देखकर चढ़ा एसएसपी का पारा, थाने की फोर्स को डपटा

एसएसपी के बाद स्पॉट पर पहुंचे कैंट एसओ

vinay.ksingh@inext.co.in

सामने कप्तान खड़े थे। पोजीशन चैलेंजिंग थी। सामने खड़ी पब्लिक आक्रामक थी। पथराव कर रही थी। बिना फुल प्रूफ सेफ्टी अरेंजमेंट के आगे बढ़ना खतरे से खाली नहीं था। इस सिचुएशन को फेस करने के लिए एसएसपी ने मातहतों (धूमनगंज और कैंट थाने के कर्मचारियों) को तैयार होने को कहा तो यह देखकर दंग रह गये कि किसी को सेफ्टी गार्ड बांधना ही नहीं आता है। आक्रमण कर रहे लोगों को दूर से कुछ बताने के लिए पब्लिक एनाउंसमेंट सिस्टम ने भी धोखा दे दिया। यह देखकर एसएसपी का पारा चढ़ गया। तत्काल उन्होंने थाने के कर्मचारियों को पीछे हटने का आदेश दिया और खुद के साथ चल रहे स्क्वॉड को फ्रंट पर कर दिया। इसके बाद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया।

पुलिस से नाराज थी पब्लिक

चार साल के युवराज की मौत को लेकर पब्लिक गुस्से में थी ही। उन्हें मोहल्ले के नशेड़ी युवकों की कारस्तानी नागवार लगती थी। इसके बाद भी वे खामोश थी तो इसलिए कि क्यों बिना वजह किसी से पंगा लेगा। हां पुलिस को सब कुछ बताकर अपनी जिम्मेदारी जरूर पूरी कर दी थी। थाने की पुलिस ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया। इससे पब्लिक के मन में पुलिस को लेकर जबरदस्त गुस्सा था। युवराज की मौत ने उनके गुस्से के गुबार को ज्वालामुखी जैसा विस्फोट करा दिया। इसके बाद पब्लिक सीधे पुलिस और प्रशासन से भिड़ने को तैयार थी। उसे कोई फिकर नहीं था कि जिस पर ईट पत्थर बरसा रहे हैं, आखिर में वही उनके काम आने वाले हैं। एसएसपी खुद परिस्थितियों को भांप चुके थे। इसीलिए उन्होंने फुलप्रूफ तरीक से पब्लिक को समझाने की कोशश की और फाइनली करीब एक घंटे के भीतर माहौल शांत करा दिया।