चार जुलाई से धूमनगंज आवास पर लगा है ताला, परिचित से भी नहीं मिला क्लू

बलिया जिले का बताया है मूल निवासी, पुलिस ने साधा सम्पर्क

prayagraj@inext.co.in

बीओआई के करेंसी चेस्ट से सवा चार करोड़ रुपये निकाल पर ब्याज पर चला देने वाला करेंसी चेस्ट ऑफिसर वशिष्ठ कुमार अब भी राज बना हुआ है। लोकल एड्रेस और परिचित से कोई सुराग नहीं मिला है। अब पुलिस ने उनके मूल निवासी बलिया जिले से सम्पर्क साधा है। वहां जाकर छापेमारी से पहले पुलिस कन्फर्म कर लेना चाहती है कि वहां आना-जाना व्यर्थ नहीं होगा। इससे यह प्रकरण फिलहाल जहां का तहां अटका हुआ है।

सात जुलाई को सामने आया था मामला

बैंक की रकम चोरी करके ब्याज पर चलाने का मामला सात जुलाई को खुला था। जब बैंक की तरफ से धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी। इसके बाद जांच में जुटी पुलिस ने वशिष्ठ कुमार का लोकल रेजीडेंस पता किया तो एड्रेस सुलेमसराय स्थित गुलरेठिया रेजीडेंसी मिला। यहां पहुंचने पर पता चला कि चार जुलाई से उसकी पत्‍‌नी और बच्चे मकान पर ताला लटका कर जा चुके हैं। वशिष्ठ पहले से ही लापता हो गया था। यहां पड़ताल में पुलिस को कसारी मसारी का एक एड्रेस मिला तो संभावना जगी कि अब कुछ सुराग हाथ लग जाएगा। लेकिन, यहां भी पुलिस गच्चा खा गयी। एड्रेस पर पुलिस पहुंची तो बताया गया कि वह तो उसे जानते ही नहीं हैं। बता दें कि बैंक ऑफ इंडिया की सुलेमसराय शाखा के करेंसी चेस्ट अधिकारी वशिष्ठ कुमार राम, उसके दोस्त एसके मिश्र और संजू मिश्र के खिलाफ धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज है। वशिष्ठ को निलंबित किया जा चुका है।

आरोपित को पता है कि पुलिस उसे तलाश रही है। ऐसे में वह बलिया स्थित घर में नहीं होगा। कुछ सुराग हासिल होने पर ही टीम वहां जाएगी।

बृज नारायण सिंह

सीओ सिविल लाइंस