-काम का बकाया भुगतान नहीं होने से चीफ इंजीनियर के रूम में दी जान

-छह पन्नों के सुसाइड नोट में अधिकारियों पर लगाए गंभीर आरोप

लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर के रूम में ठेकेदार अवधेश श्रीवास्तव ने बुधवार को खुद को गोली मारकर जान दे दी। वो काम का बकाया लगभग चार करोड़ भुगतान न होने से क्षुब्ध था। घटना से हड़कम्प मच गया। मौके पर एसएसपी आनंद कुलकर्णी सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे। ठेकेदार के पास से छह पन्नों का सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने बकाया भुगतान नहीं करने के लिए कई अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए।

साढ़े चार करोड़ था बकाया

शिवपुर, मीरापुर बसहीं स्थित विश्वनाथपुरी कालोनी निवासी अवधेश श्रीवास्तव को पीडब्ल्यूडी की ओर से साल 2014-15 में महिला अस्पताल कबीरचौरा में सौ बेड का मैटरनिटी अस्पताल बनाने का मिला था। विभागीय अधिकारियों ने अनुबंध को मूल दर से 20 फीसदी ज्यादा पर तय कर दिया। निर्माण कार्य जारी रहा लेकिन पेमेंट नहीं हुआ। धीरे-धीरे अवधेश का कुल बकाया 14 करोड़ 50 लाख रुपये से ऊपर हो गया। मगर भुगतान की जगह विभागीय अधिकारियों ने कभी मशीनरी एडवांस तो कभी सिक्योरिटी एडवांस के नाम पर उसे भुगतान कराया और हर बार बिल फार्म पर दस्तखत कराए गए। अवधेश का अब भी साढ़े चार करोड़ रुपये बकाया था।

पत्नी के गहने रखा गिरवी

बड़ी धनराशि बकाया होने के कारण अवधेश इन दिनों डिप्रेशन में थे। उनके पार्टनर अरविंद कुमार सिंह का आरोप है कि उन्होंने चीफ इंजीनियर और जेई से गुहार लगाई कि उनपर नहीं तो उनके बच्चों पर ही रहम कर दें। विभाग से उनका बकाया भुगतान करा दें। इसी बीच बिजली विभाग ने भी उक्त निर्माण स्थल पर पहुंच छापेमारी की और बिजली कनेक्शन नहीं होने की दशा में कार्रवाई की। जबकि अस्पताल प्रशासन ने बिजली कनेक्शन दिया हुआ था। ऐसी स्थिति में बिजली विभाग ने आरसी काटी तो अवधेश बीमार पड़ गए। दोहरा मार नहीं झेल पाने की स्थिति में लगातार डिप्रेशन में चलते गए। काम पूरा कराने के लिए अवधेश ने बीवी के गहने तक गिरवी रख दिया था।