कहानी:
एक इम्पॉसिबल केस में कारावास झेल रहे एक अंडरट्रायल कैदी की कहानी

Rating : 4 STARS

OTT : Hotstar

समीक्षा :
अगर एडाप्टेशन के लिहाज से देखें, तो तिग्मांशु ने ये सिरीज बहुत बढ़िया तरीके से एक्सीक्यूट किया है। कचहरी से कैब तक और जेल से कानून के खेल को बहुत बढ़िया से एक एग्रोसिंग स्टोरी में डाल कर भारतीय जुडिशल सिस्टम पर ये सिरीज़ अच्छी कॉमेंट्री है। शूट भी बढ़िया है और इसका एडिट भी काफी अच्छा है। इस जोन में पहले भी फिल्म बन चुकी हैं पर इस तरह से कभी नहीं किया गया है हिंदी OTT प्लेटफॉर्म्स पे।


अदाकारी :
विक्रांत मेसी अपने रोल में घुस जाते हैं, तो कई बार याद ही नहीं आता है कि ये विक्रांत हैं, वैसे तो हमेशा ही वो बहुत कंपोज्ड एक्ट करते हैं, इसमे वो खासकर गज़ब है। जैकी श्रॉफ को जो रोल दिया गया है उसको वो बखूबी निभाते हैं। इस सीरीज की हाई लाइट हैं पंकज त्रिपाठी, जो कि एक स्मालटाइम वकील के किरदार में जान डाल देते, उनके वनलाइनर अलग ही हैं। कहना गलत नहीं होगा कि पंकज त्रिपाठी के बेहतर पर्फोमेंसेस में से ये एक है। अनुप्रिया और मीता वशिष्ट ने भी बढ़िया काम किया है।

 

कुलमिलाकर ये एक बेहतर लिखी हुई और बढ़िया तरीके से एक्सेक्यूट की गई सिरीज़ है। अपना थ्रिल हर एपिसोड में बरकरार रखती है। थोड़ी डार्क है पर देखने लायक है।

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