सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एग्जामिनेशन (सीबीएसई) द्वारा क्रॉसवर्ड पजल के 100 साल कम्पलीट होने के मौके पर कंट्री में अपनी तरह का पहला क्रॉसवर्ड कॉम्पटीशन ऑर्गनाइज किया जा रहा है। इस पहल के साथ ही अब सीबीएसई क्रॉसवर्ड को स्कूल के सिलेबस में भी क्रॉसवर्ड क्विज के नाम से इंक्ल्यूड करने जा रहा है। वजह बतायी जा रही है कि क्रॉसवर्ड सॉल्व करने से स्टूडेंट्स की रीजनिंग व मेंटल एबिलिटी डेवलप होगी।

Teachers भी कर रहे welcome
क्रॉसवर्ड क्विज का सीबीएसई स्कूल टीचर्स भी वेलकम कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे स्टूडेंट्स की बाहरी ज्ञान भी मजबूत होगा। इससे उनकी मेंटल के साथ ही थिकिंग एबिलिटी भी डेवलप होगी। उनका कहना है कि यह एक बेहतर इनिशियेटिव है और इससे स्टूडेंट्स को भी काफी बेनिफिट होगा।

ताकि word power हो strong
सीबीएसई द्वारा स्कूल एजुकेशन में सुधार लाने के लिए स्टूडेंट्स के बीच इस क्विज को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका मकसद यह है कि स्टूडेंट्स  इंग्लिश वर्ड पावर को स्ट्रांग कर सकें। इसके जरिए वे बुक्स से बाहर की भी जानकारी कलेक्ट कर सकेंगे। सीबीएसई की इस पहल के बाद अब टीचर्स ने भी इसमें इंटरेस्ट लेना शुरू कर दिया है।

CBSE chairman ने किया announce
पिछले दिनों दिल्ली में हुए ऑल इंडिया इंटर स्कूल क्रासवर्ड कॉम्पटीशन के दौरान सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने यह अनाउंसमेंट किया। सीबीएसई द्वारा वल्र्ड में क्रासवर्ड पजल या क्विज के 100 साल पूरे होने के मौके पर फस्र्ट टाइम इस तरह का कॉम्पटीशन ऑर्गनाइज किया जा रहा है। इसका मकसद स्टडेंट्स को इससे जोडऩा है, ताकि वे किसी तरह की प्रॉŽलम को बेहतर ढंग से सॉल्व कर सकें।

 

Report by : jamshedpur@inext.co.in

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