अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोमवार को कच्चे तेल के दामों में तीन प्रतिशत की गिरावट हुई जिससे यह छह साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. इसके चलते आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है. नायमैक्स पर भाव 44 डॉलर के नीचे आ गए हैं. ब्रैंट क्रूड भी 55 डॉलर के नीचे आ गया है. जबकि नायमैक्स क्रूड करीब 1 डॉलर नीचे गिरकर 44 डॉलर के तक पहुंच गया वहीं ब्रेंट क्रूड 53 डॉलर के करीब आ गया है.

आज बिजनेस की शुरूआत में क्रूड ऑयल का दाम 43.57 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गया जो कि मार्च 2009 के बाद अब तक का सबसे निचला स्तर है. कच्चे तेलों के दामों में हुई इस गिरावट के पीछे का कारण मांग से अधिक सप्लाई को बताया जा रहा है. एक वजह ये भी बतायी जा रही है कि अमरीकी स्टोरेज फैसेलिटी अपनी सीमा तक पहुंच गयी है और डॉलर में मजबूती आ रही है.

एक्सपर्ट्स का मानना है कि कच्चे तेलों के प्राइज में हुई गिरावट के बाद अब इंडिया में सरकार तेलों के दामों में कमी कर सकती है जिससे कंज्यूमर्स को बढ़ती महंगाई से राहत मिलने के आसार हैं. वैसे कहा जा रहा है कि पिछले 30 दिनों में सप्लाई और डिमांड में खास चेंज ना दिखने के बावजूद तेल के दाम 20 परसेंट तक गिरे हैं.

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