क्त्रन्हृष्ट॥ढ्ढ: रिम्स में इलाज के लिए हर दिन हजारों लोग आते हैं. वहीं सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह के जांच भी सरकारी दर पर ही हो जाते हैं. लेकिन हॉस्पिटल की सीटी स्कैन मशीन दो महीने से अधिक समय से खराब है. इससे मरीजों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में हेल्थ मैप में मरीजों की बाढ़ आ गई है. वहीं भीड़ से बचने के लिए उनके सामने प्राइवेट सेंटरों में जाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. इसके बावजूद रिम्स प्रबंधन मशीन बनवाने को लेकर गंभीर नहीं है. बताते चलें कि दस साल से अधिक पुरानी हो जाने के कारण मशीन पहले भी खराब ही रहती थी.

हेल्थमैप में शाम तक लाइन

हॉस्पिटल में सीटी स्कैन सरकारी दर पर किया जाता है. वहीं पीपीपी मोड पर काम कर रही हेल्थमैप के सेंटर में भी उसी रेट पर मरीजों की जांच की जाती है. लेकिन रिम्स की मशीन खराब होने के बाद वहां मरीजों की भीड़ हो गई है. ऐसे में सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बाद भी मरीजों का सीटी स्कैन नहीं हो पा रहा है. ऐसे में जल्दी रिपोर्ट चाहने वालों को प्राइवेट सेंटरों में जाने के अलावा कोई चारा नहीं है, जहां पर तीन से चार गुना तक अधिक पैसे चुकाने पड़ रहे है.

मेंटेनेंस के लिए मेडिसिटी से किया है करार

हेल्थ डिपार्टमेंट ने राज्यभर के हॉस्पिटलों में मेडिकल इक्विपमेंट्स और मशीनों के मेंटेनेंस को लेकर मेडिसिटी कंपनी से करार किया है. इसके तहत सरकारी हॉस्पिटलों में मशीनों को दुरुस्त किया जाना है. इसके बावजूद रिम्स की मशीन का दो महीने से अधिक समय से खराब रहना समझ से परे है.