-रेलवे ने देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत के बाहर लगाया सीसी कैमरा

-ट्रेन पर पत्थर फेंकने वालों की आसानी से होगी पहचान

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VARANASI

देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस अब सेफ रहेगी. किसी ने इस पर खरोंच भी लगाया तो उसका पकड़ा जाना तय है. आप सोच रहे होंगे कि ये कैसे होगा. पर ये सही है. इस हाई फाई ट्रेन की हिफाजत का रेलवे ने पुख्ता किया है. ट्रेन के बाहर कैमरे लगाये गये हैं. अब ट्रेन से छेड़छाड़ करने वाले या उसे किसी तरह का नुकसान पहुंचाने वालों की आसानी से पहचान हो सकेगी. क्योंकि इस ट्रेन पर ट्रायल के दौरान और उसके बाद कई बार रास्ते में अराजकतत्वों ने पथराव किया था.

तब नहीं टूटेंगे शीशे

रेलवे ने यह कदम वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव की बढ़ती वारदात को देखते हुए उठाया है. 15 फरवरी को पीएम नरेंद्र मोदी ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाया था. ट्रेन के कॉमर्शियल रूप से चलने के बाद रेलवे ने ट्रेन पर चार कैमरे लगाए हैं. 17 मार्च को ट्रेन पर हुए पथराव के बाद गाड़ी के 12 खिड़कियों को बदला गया था. आरपीएफ के मुताबिक 17 मार्च को हुए पथराव के आरोपी को कैमरे की मदद से पकड़ लिया गया है. इसी प्रकार ट्रेन में लगे अन्य कैमरों की मदद से आगे होने वाली घटनाओं में शामिल लोगों को पहचान कर कार्रवाई होगी.

चॉकलेट बांटना नहीं आया काम

वाराणसी कैंट स्टेशन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस पर ट्रायल से लेकर संचालन तक कई बार पत्थर फेंका गया. नई दिल्ली से आगरा के बीच पहले ट्रायल के दौरान ही इस ट्रेन पर उपद्रवियों ने पत्थर फेंका था. गनीमत रही कि कोई घायल नहीं हुआ. इसी तरह 22 फरवरी को हुए पथराव में ड्राइवर की मुख्य खिड़की सहित कुछ अन्य खिड़कियों को भी नुकसान पहुंचा था. यह घटना यूपी के अछल्दा में साथ वाली लाइन से गुजर रही डिब्रुगढ़ राजधानी से एक मवेशी कुचल गया और इससे नाराज लोगों ने उसपर पथराव किया. जिससे वंदे भारत एक्सप्रेस भी इसकी चपेट में आ गयी. जिसमें पत्थर के टुकड़े ड्राइवर की विंडस्क्रीन और कोच नंबर सी4, सी6, सी7, सी8 और सी13 के बाहरी शीशे और सी12 के दो शीशे के पैनलों पर लगे थे. इससे पहले रेलवे ने पत्थरबाजी रोकने और लोगों को समझाने के लिए स्थानीय स्तर पर काउंसलिंग का आयोजन किया और बच्चों के बीच चॉकलेट का भी वितरण किया था. पर इसका कोई परिणाम नहीं मिला.