-एनसीजेडसीसी में लोक गीतों व नृत्यों पर झूमे श्रोता

-कल्चरल मिनिस्ट्री के सहयोग से आयोजित हुआ प्रोग्राम लोक तरंग

ALLAHABAD: लोक गीत हमारे जीवन के हर रंग को बेहद खूबसूरती से प्रदर्शित करते हैं। इसमें लोक नृत्य का तड़का लग जाए तो बात ही कुछ और हो जाती है। ऐसी ही प्रस्तुति फ्राइडे को एनसीजेडसीसी में हुई। इसमें आर्टिस्टों ने अपने आवाज के जादू से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया तो फोक आर्टिस्ट्स ने शानदार प्रस्तुति से सबका दिल जीत लिया। कल्चलर मिनिस्ट्री के सहयोग से आयोजित लोक तरंग में कलाकारों ने जीवन के कई रंगों को लोक गीतों के जरिए पेश किया।

होली गीतों ने मचाई धूम

इस महफिल में खासतौर पर मौसम के हिसाब से गाए जाने वाले लोक गीतों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। शुरुआत देवी गीत से हुई। इसके बाद होली गीतों ने भीषण गर्मी में फागुन की बहार से लोगों को सराबोर कर दिया। इसके बाद बसंत गीत, सोहर, सहाना, बिदेशिया, रोपनी, निर्वाही गीत, कटनी गीत और धोबिया गीतों ने भी लोक गीतों की अनोखी तस्वीर लोगों को सामने पेश की। इसके बाद हुई डांस प्रस्तुतियों का ऑडिटोरियम में बैठे श्रोताओं ने जमकर लुत्फ उठाया। आदिनाथ प्रजापति के निर्देशन में कलाकारों के हर सुर पर लोग झूमते रहे। चीफ गेस्ट लाल बहादुर थे।