- सावन के आखिरी सोमवार पर शिव मंदिरों में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

- प्राचीन मंदिरों में विशेष पूजन व अनुष्ठान का हुआ आयोजन

ALLAHABAD: सावन माह में भगवान शंकर के पूजन का विशेष महत्व है। खासतौर पर सावन के सोमवार के दिन बड़ी संख्या में लोग व्रत रखकर भोलेनाथ की पूजा करते है। मंडे को सावन के आखिरी सोमवार के मौके पर भी पूरी संगम नगरी भगवान भोलेनाथ की आराधना में डूबी रही। शहर के सभी प्राचीन मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही। भक्तों की भीड़ भगवान शिव के दर्शन करने और उनका दूध व गंगाजल से अभिषेक करने के लिए लाइन में लगी रही। यमुना नदी के किनारे स्थित मनकामेश्वर मंदिर में भी सावन के आखिरी सोमवार पर विशेष पूजन और अनुष्ठान का आयोजन हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में भक्तों ने भगवान के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया।

बर्फीली गुफाओं से भक्तों ने किया महादेव का दर्शन

अतरसुईया के दुर्गा पूजा पार्क में स्थित पीपलेश्वर महादेव मंदिर में सावन के आखिरी सोमवार पर विशेष श्रृंगार का आयोजन हुआ। मंदिर के मुख्य मार्ग पर बर्फीली गुफाओं को तैयार किया गया। जहां शाम को श्रृंगार के बाद भक्तों ने इन गुफाओं के बीच से पीपलेश्वर महादेव का दर्शन किया। मंदिर से जुड़े भक्त राम प्रसाद यादव ने बताया कि इस बार पीपलेश्वर महादेव का श्रृंगार पीपल की टहनियों से किया गया। भक्तों ने मंदिर में भोलेनाथ के साथ ही बाल रूप हनुमान जी के भी दर्शन किए। शाम को मंदिर में महाआरती का आयोजन हुआ। जिसमें शहर कोतवाल व प्रो। डॉ। रमा सिंह ने समेत बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। वहीं मालवीय नगर पूर्णेश्वर नाथ महादेव मंदिर, गोपी शुक्ल शिवाला मंदिर आदि में भी विशेष पूजन का आयोजन किया गया।

भोले गिरि मंदिर में हुआ झूले का श्रृंगार

कटघर स्थित भोले गिरि मंदिर में भगवान शिव का झूले का श्रृंगार किया गया। इस मौके पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भगवान शिव का विशेष पूजन किया गया। पुजारी पं। रामलाल शास्त्री ने बताया कि सावन में माता गौरी के साथ भगवान शिव झूला झूलते है। उसी समय से ये परम्परा चली आ रही है। श्री राम मंदिर सभा की ओर से भी हिवेट रोड स्थित बाबा मुक्तेश्वर नाथ महादेव मंदिर में बाबा बर्फ ानी के स्वरूप को दर्शन के लिए तैयार किया गया। इस दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती द्वारा महाआरती की गई।