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KANPUR: हार्ट, डायबिटिक, थायरॉयड और डिप्रेशन जैसी बीमारियां इंडिया में काफी आम हैं। इन बीमारियों को हल करने के बारे में ब्रांड्स ऑफ इंडिया 2019 की विनर भावना आनंद शर्मा ने सोचा, जिसमें सप्लीमेंट्स की एक प्रीमियम रेंज बनाने के लिए सर्टिफाइड जड़ी-बूटियों को यूज किया जाए। वह एक ऐसे मॉडल को भी शामिल करना चाहती थीं जो कस्टमर्स को डॉक्टरों से सीधे जुडऩे में हेल्प करे।

हसबैंड की हेल्प से हुई शुरुआत

उनकी इस सोच को हकीकत में बदलने में उनके हसबैंड बैद्यनाथ कंपनी के प्रेसीडेंट सिद्धेश शर्मा भी उनके साथ थे। भावना ने 2019 की शुरुआत में क्योरवेदा ब्रांड की शुरुआत हर्बल, ऑर्गेनिक और न्यूट्रास्युटिकल रेमेडीज की एक प्रीमियम रेंज लॉन्च करके की।

ट्रेडीशनल मेडिसिन्स को अपनाया

क्योरवेदा के डायटरी सप्लीमेंट एक थैराप्योटीक प्रोडक्ट हैं। इसके कई प्रोडक्ट्स हैं जो कॉमन बीमारियों को एड्रेस करते हैं। खासतौर पर मधुमेह, थायरॉयड और हार्ट प्रॉब्लम्स से जुड़े प्रोडक्ट्स। क्योरवेदा ने हर प्रोडक्ट में कई जड़ी बूटियों और इंग्रीडिएंट्स को मिलाकर हर्बल गोलियां और पीने वाली दवाइयों की एक सीरीज तैयार की है। जिसमें वह ट्रेडीशनल मेडिसिन प्राणाली का यूज करते हुए घर में बनने वाले हर्बल काढ़े बनाते हैं।

साथ जुड़े हैं 5000 डॉक्टर्स

क्योरवेदा के पास लगभग 5,000 डॉक्टर्स रजिस्टर्ड हैं और उन्हें इसके पोर्टल पर रैंक किया गया है। अब हमारे पास एक समर्पित परामर्श है जिसमें कस्टमर्स डायरेक्ट डॉक्टर्स से अपनी प्रॉब्लम शेयर करके उनकी सलाह ले सकते हैं। इसकी खास बात ये है कि यह सलाह फ्री है। इसके अलावा कस्टमर क्योरवेदा के ऑनलाइन फार्म का यूज करके अपने सवाल पूछ सकते हैं और डॉक्टर उनके सवालों का जवाब देते हैं।

डिजिटल प्लेटफॉर्म का ऐसे किया यूज

भावना बताती है कि उन्होंने एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया, जिसका नाम क्लिमिक था, यह इंटीग्रेटिव चिकित्सा डाक्टर्स के लिए एक क्लिनिक था। 2018 में उन्होंने क्योरवेदा को एक पर्सनल लेबल के रूप में शुरू किया और इस पोर्टल को ष्ह्वह्म्द्ग1द्गस्रड्ड।ष्शद्व में रीब्रांडेड कर दिया। इसके अलावा वे स्पेशलिस्ट की इंटर्नल टीम द्वारा मैनेज टेलीफोनिक और वेबसाइट परामर्श के जरिए भी बात कर सकते हैं।

आइडिया के पीछे थी ट्रेडिशनल सोच

भावना बताती हैं कि हर्बल और आधुनिक चिकित्सा के बीच इंटीग्रेशन की कमी को ध्यान में रखते हुए, मैंने देखा कि अब मार्केट सेफ हर्बल और कार्बनिक फार्मूले की तरफ बढ़ रहा है। यह एक स्वदेशी ब्रांड के लिए इंडियन डायस्पोरा में हेल्थकेयर सप्लीमेंट्स में बेस्ट लाने का अवसर था इसलिए उन्होंने जड़ी-बूटियों पर मॉडर्न रिसर्च को पारंपरिक ज्ञान के साथ जोडऩा चाहा।

इस बात का रखा ध्यान

वह बताती हैं कि वह अपने कस्टमर्स को एक सही और बेस्ट प्रोडक्ट देना चाहती थीं इसलिए इस बात पर ज्यादा ध्यान दिया कि प्रोडक्ट्स लेबल स्पष्ट और सटीक हों ताकि कस्टमर्स गुमराह न कर सकें। जड़ी बूटियों की प्रकृति गुणवत्ता के बारे में ट्रांसपेरेंसी पर भी पूरा ध्यान रखा।

कैसे है दूसरों से अलग

यहां पैकेजिंग के लिए रिसाइकल्ड कांच की बोतलों का यूज किया जाता हैं, जो नॉन-लीचिंग, नॉन-पोरस और गंधहीन होते हैं। ये ईको फ्रेंडली होते हैं। हम हर्बल गोलियों के लिए कलरलेस कोटिंग मटेरियल का यूज करते हैं। साथ ही इनके प्रोडक्ट इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स ऑफ टॉक्सिटी से टेस्टेड होते हैं।

ये रहीं चुनौतिया

भावना बताती हैं कि उनके लिए टैलेंट की खोज और वर्किंग कैपिटल मैनजमेंट सबसे बड़ी चुनौतियां रहीं, लेकिन किसी भी वेंचर के लिए ये आम हैं। कानूनी चुनौतियां भी हैं, जिन पर अभी तक आयुष और एफएसएसएआई द्वारा विचार किया जा रहा है। पैकेजिंग मैटेरियल भी एक चुनौती है। रिसाइकिल पैकेजिंग ऑप्शन प्रोवाइड करने वाले बहुत कम डिस्ट्रीब्यूटर्स हैं, साथ ही सबसे इंपॉर्टेंट इंग्रेडिएंट्स की सोर्सिंग भी एक चुनौती रही।

फ्यूचर प्लानिंग

भावना ने बताया कि वह दिल्ली और मुंबई के प्रमुख फार्मेसियों में अपने प्रोडक्ट को अवेलेबल कराने का ऑफलाइन काम शुरू कर दिया। जल्द ही जड़ी बूटियों के अद्भुत लाभों को शेयर करने और ज्ञान का प्रसार करने के लिए एक क्योरवेदा चैनल शुरू करने की प्लानिंग चल रही है।

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