सिटी को साफ रखने में यही के लोग बाधा बने हुए हैं। रोज 450 टन कूड़ा उगलने वाली बरेली का ज्यादातर कूड़ा सड़क, खाली प्लाट, नालों और पार्को में नजर आता है। इसके लिए जितना नगर निगम जिम्मेदार है, उतना ही यहां रहने वाले भी। शहर के सभी मोहल्लों और कॉलोनियों में जहां डस्टबिन नहीं हैं, वहीं लोग भी अपनी आदत बदलने को तैयार नहीं हैं। वे सड़क से लेकर खाली प्लाट और पार्को को भी डलावघर बनाने से नहीं चूक रहे।

कई वार्डो में तो लोग रिक्शा लेकर कूड़ा लेने आने वाले नगर निगम के कर्मचारी को कूड़ा भी नहीं देना चाहते। क्योंकि इसके लिए उन्हें यूजर चार्ज देना पड़ता है। ऐसे में लोग घर से निकलने वाले कूड़े को आसपास के खाली प्लॉटों में फेंक देते हैं। इससे मुहल्लों के बीच में अवैध डलावघर पैदा हो गए हैं।

इसी तरह लोग सड़क पर कूड़ा फेंकने से भी बाज नहीं आ रहे। बारादरी क्षेत्र की शिव गार्डन कॉलोनी में सड़क पर कूड़ा फेंकने को लेकर मंगलवार को दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे। दोदराज गंगवार की बेटी ने पड़ोसी महिला को सड़क पर कूड़ा फेंकते देखा तो उन्हें टोक दिया। इस पर नौबत मारपीट तक जा पहुंची।

आठ महीने में 182 मामले

थाना मामले

कैंट 15

प्रेमनगर 18

सुभाषनगर 22

बारादरी 16

कोतवाली 24

इज्जतनगर 35

सीबीगंज 30

किला 10

बिथरीचैनपुर 12

टोटल 182

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09 लाख रुपए की हुई ठगी

05 लाख का पैसा हुआ रिफंड

675 मामले 2018 से अब तक हुए दर्ज

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- साइबर क्राइम को रोकने के लिए अब हर थाने में होगी साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन टीम

- टीम में एक इंस्पेक्टर, एक एसआई और चार कांस्टेबल होंगे, एसएसपी होंगे प्रभारी

बरेली : जिले में साइबर ठगों के तेजी से बढ़ते नेटवर्क पर लगाम कसने के लिए साइबर सेल अब तक नाकाम ही रही है। साइबर क्राइम के इन बढ़ते मामलों को रोकने के लिए अब हर थाने में साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन टीम बनाई जाएगी। इसका मकसद साइबर ठगी के मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करना है।

साइबर ठगों पर ऐसे कसेगा शिकंजा

बढ़ते साइबर अपराधों को गंभीरता से लेते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने सभी थानों में साइबर क्राइम इंवेस्टीगेशन टीम बनाने का आदेश दिया है। टीम में एक इंस्पेक्टर, एक एसआई और चार कांस्टेबल होंगे। थाने से लेकर जोन स्तर तक इन्वेस्टिगेशन टीम साइबर ठगों पर नजर रखेगी। इसके लिए शहर के थानों को ए, बी, सी श्रेणी में बांटा गया है। थाने में तैनात इंस्पेक्टर टीम के प्रभारी निरीक्षक होंगे। आईटी एक्ट के तहत साइबर सेल में दर्ज मामलों को संबंधित थानों को ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद थानों की टीम मामले की जांच करेगी।

एसएसपी होंगे प्रभारी

थानों में सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम) के जरिए टीम जिले के सभी साइबर ठगों का रिकॉर्ड खंगाल कर उन्हें आसानी से ट्रेस कर सकेगी। सोशल मीडिया की निगरानी के साथ ये टीम अफवाहें फैलाने वालों पर भी कार्रवाई करेंगी। इससे जहां एक ओर साइबर सेल का बोझ कम होगा वहीं मामलों का निपटारा भी जल्दी हो सकेगा। एसएसपी और सीओ को साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन टीम का प्रभारी बनाया गया है।

साइबर ठग ऐसे बनाते हैं शिकार

। एटीएम कार्ड की वैलिडिटी बढ़ाने के लिए मांगते हैं अकाउंट डिटेल।

2. टेक्निकल फॉल्ट के कारण एटीएम ब्लॉक बताकर मांगते हैं अकाउंट डिटेल

3. शॉपिंग साइट्स पर लुभावनी स्कीम का ऑफर देकर लुभाते हैं

4. लॉटरी और ऑफर स्कीम में लोगों को विनर बताकर ठगते हैं

वर्जन

डीजीपी के आदेश पर जिले और सभी थानों में साइबर क्राइम इंवेस्टिगेशन टीम काम करेगी। जिससे फरियादियों को अफसरों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे।

शैलेश पाण्डेय, एसएसपी

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सूबेदार से हुआ 3.72 लाख का फ्रॉड

राजस्थान के करौली निवासी रामदल गुर्जर नायब सूबेदार हैं। वह कैंट के मिलिट्री हॉस्पिटल में तैनात हैं। उनका आगरा के सदर बाजार स्थित स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में सेविंग अकांउट हैं। 11 सितंबर से 2 अक्टूबर के बीच साइबर ठगों ने उनके अकाउंट के जरिए कई बार में 3.72 लाख रुपये की खरीदारी की थी। नौ अक्टूबर को वह जब नए एटीएम कार्ड को एक्टीवेट करने गए थे तब उन्हें अपने साथ हुए फ्रॉड की जानकारी मिली। फ्राइडे को सूबेदार ने साइबर सेल में शिकायत की है।