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KANPUR : नोटबंदी के बाद से शहर में जिस तरह से डिजिटल लेनदेन का ग्राफ बढ़ा है। उसी तरह साइबर ठगी के मामलों में भी जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है। अब तो यह आंकड़ा दो गुना से भी ज्यादा बढ़ गया है। नोटबंदी से कालेधन का सफाया हुआ है, लेकिन साइबर क्रिमिनल्स के लिए यह सहालग थी जो अभी तक चल रही है। पुलिस साइबर क्रिमिनल्स को पकडऩे में नाकाम साबित हो रही है। एक्सपर्ट के मुताबिक पुलिस के पास साइबर ठगी पर लगाम लगाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं है, इसलिए अगर आपको साइबर ठगी से बचना है तो अवेयरनेस ही एक रास्ता है। अगर आप सतर्क नहीं हैें तो साइबर ठग पलक झपकते ही आपका खाता खाली कर देंगे।

इस तरह करते हैं ठगी

* मोबाइल पर फोन कर खुद को बैंक कर्मी बताकर खाते और कार्ड की जानकारी हासिल करके पैसे पार करना

* किसी योजना का विज्ञापन निकाल कर लोगों को फंसाना और फिरखाते की जानकारी जुटाना

* क्रेडिट कार्ड बनवाने का और एटीएम कार्ड बंद होने का झांसा देकर

* एक लिंक के जरिए खाते की जानकारी जुटाकर, यह लिंक मोबाइल पर भेजा जाता है। जैसे ही यूजर लिंक को खोलता है तो उसकी सारी जानकारी हैकर के पास चली जाती है।

* सोशल मीडिया पर फेक आईडी से दोस्ती करने के बाद खाते की जानकारी हासिल करना

ये सावधानी बरतें

* फोन पर किसी को भी खाते और कार्ड की जानकारी मांगे तो उसे न दें।

* किसी योजना की पूरी जानकारी करने के बाद ही एकाउंट की डिटेल फार्म पर भरें

* अपना एटीएम कार्ड का पासवर्ड और सीवीवी नंबर किसी को भी न दें।

* अगर कोई भी झांसा देकर आपसे कोई ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) मांगे तो उसे न दें।

* हर तीन से चार महीने में अपना पासवर्ड जरूरत बदलते रहें

* अपने सामने ही क्रेडिट और डेबिट कार्ड स्वेप कराएं

* जिस बथू में सिक्योरिटी गार्ड हो, उसी एटीएम बूथ से पैसे निकाल

ठगी के प्रकार                          नोट बंदी के पहले                      नोट बंदी के बाद           

ऑनलाइन                                 105                                          213

 

डेबिट एंड क्रेडिट कार्ड                 123                                        199     

कार्ड क्लोनिंग                              23                                          87

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