-कपड़ा व्यवसायी के खाते से डेढ़ लाख रुपए की निकासी

- पंडरा ओपी में दर्ज कराई प्राथमिकी, छानबीन शुरू

- साइबर थाने में भी दिया ब्योरा, मोबाइल नंबर की तलाश

रांची : पंडरा ओपी क्षेत्र में आइटीआइ बस स्टैंड के समीप ढेला टोली वैष्णवी नगर बाजरा में रहने वाले कपड़ा व्यवसायी पंकज गुप्ता के एटीएम से अवैध तरीके से डेढ़ लाख रुपये की निकासी हो गई है। रुपए की निकासी कई किस्तों में हुई है। इस मामले में उन्होंने पंडरा ओपी में मोबाइल नंबर 9033468200 के खिलाफ लिखित शिकायत की है।

पिस्का मोड़ में है अकाउंट

उन्होंने बताया है कि आइसीआइसीआइ बैंक के पिस्का मोड़ शाखा में उनका तथा उनकी पत्नी सुमन गुप्ता का संयुक्त खाता है। रुपयों की निकासी की घटना छह अगस्त की रात की है। रविवार की सुबह उन्होंने मामले की जानकारी बैंक के प्रबंधक को दी। उन्होंने पंडरा ओपी व साइबर थाने में भी इसकी लिखित सूचना दी है।

6 जुलाई को आया था कॉल

छह जुलाई की रात उनके मोबाइल 9308992343 पर 9033468200 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनसे एटीएम की जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने जानकारी नहीं दी। रविवार की सुबह उन्होंने उक्त नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद पंकज ने बैंक मैनेजर से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी।

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एटीएम का पिन नंबर पता करने का बनाया सॉफ्टवेयर

-दुमका पुलिस ने गिरफ्तार तीन साइबर अपराधियों को भेजा जेल

दुमका : जामा पुलिस ने तीन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर सोमवार को जेल भेज दिया। आरोपियों ने बताया कि उन लोगों ने एक सॉफ्टवेयर तैयार किया है। मोबाइल के माध्यम से इसी साफ्टवेयर के जरिए लोगों का एटीएम कार्ड का पिन नंबर हासिल करते थे और फिर उनके खाते से पैसा निकालकर अपने खाते में ट्रांसफर कर लेते थे। गिरफ्तार रोशन मंडल, नितेश मंडल व विवेक मंडल जामा प्रखंड के चिकनिया गांव के रहने वाले हैं। पुलिस ने इनके पास से 43 हजार रुपये और छह मोबाइल बरामद किए है। पांच अज्ञात समेत 11 के खिलाफ मामला दर्ज किया है। फरार युवकों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है।

रविवार को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर चिकनिया गांव से पहले रोशन मंडल को दबोचा। उसकी निशानदेही पर पुलिस तीन आरोपी समेत मोहनपुर के अजय मंडल को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद सभी आरोपियों ने गुनाह कबूल किया। आरोपियों ने बताया कि नकद पैसा वे देवघर के युवक के पास भेज देते थे और बदले में पांच हजार पर एक हजार रुपया कमीशन के तौर मिलता था। फरवरी 15 से लेकर अब तक दर्जनों लोगों का पैसा चुराया है। उनके साथ कई और भी इस अपराध में शामिल हैं। हालांकि पुलिस ने फरार आरोपियों की तलाश में कई जगह छापेमारी की लेकिन किसी का कुछ पता नहीं चला।