-इस साल ही 83 लोगों का खाता साफ कर दिया साइबर क्रिमिनल्स ने

ALLAHABAD: पुलिस को हाईटेक तो बनाया जा रहा है लेकिन साइबर क्रिमिनल एक कदम आगे चल रहे हैं। पुलिस डकैती, लूट व मर्डर के पेंचीदा मामलों को तो खोल देती है, लेकिन साइबर क्रिमिनल उसके हाथ नहीं आते। बैंक कर्मचारी बनकर या लॉटरी का झांसा देकर फोन करने वाले शातिर मेहनत की कमाई लूट कर गायब हो जाते हैं और पुलिस लकीर पीटती रह जाती है।

'आपका खाता अपडेट करना है'

इस साल सिटी में साइबर क्राइम के 8फ् मामले दर्ज किए गए। सिर्फ जुलाई में क्फ् मामले प्रकाश में आए। शुक्रवार और शनिवार को ही दो लोगों को साइबर शातिरों ने हजारों रुपए का चूना लगा दिया। अधिकांश मामलों में लोगों के पास बैंक का कर्मचारी बनकर फोन किया गया। सभी को एक ही तरह से झांसा दिया गया। कहा गया कि खाते को अपडेट नहीं किया गया तो यह ब्लॉक हो जाएगा। झांसा देकर लोगों से एटीएम कार्ड नंबर और पिन की जानकारी हासिल कर ली गई। लोगों को ठगी का पता तब चलता है जब उनका खाता साफ हो जाता है। कुछ मामले लकी ड्रॉ और इंश्योरेंस बोनस के नाम पर भी ठगी के सामने आए।

कैसे मिलती है एकाउंट की जानकारी

साइबर क्रिमिनल्स का जाल बैंकों तक फैला हुआ है। इससे पुलिस भी इनकार नहीं कर रही। बैंक के कुछ इंप्लाइज से सांठगांठ कर क्रिमिनल्स बैंक एकाउंट होल्डर का नाम, पता और मोबाइल नंबर जान लेते हैं। जिन लोगों को फोन किया गया, उनको यह बताया गया था कि एकाउंट किस बैंक में है। फोन करने वाला नाम और एकाउंट के बारे में बता देता है जिससे लोग झांसे में आ जाते हैं।

ऑनलाइन होती है शॉपिंग

साइबर क्रिमिनल कार्ड नंबर और पिन की जानकारी हासिल कर ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, जितनी देर में लोग कुछ समझ पाते हैं, शॉपिंग हो जाती है और सामान की भी डिलीवरी हो जाती है। फोन करने वाले का नंबर बंद हो जाता है और ऐसे में पुलिस के पास हाथ पर हाथ धरे बैठने के अलावा कोई चारा नहीं बचता। नंबर दूसरे सर्किल के होते हैं और वह भी फेक आईडी पर लिए जाते हैं।

इन्वेस्टिगेशन में भी पेंच

साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की इन्वेस्टिगेशन में भी पेंच है। दरअसल, जिन थानों के प्रभारी इंस्पेक्टर होते हैं, वहां दर्ज होने वाले साइबर क्राइम के मामलों की विवेचना वह खुद करते हैं। वहीं, जिन थानों पर एसओ की पोस्टिंग होती है, वहां दर्ज होने वाले साइबर क्राइम के मामले साइबर क्राइम सेल को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं। थानों पर ही इन्वेस्टिगेट होने वाले मामलों में रिकवरी जीरो रहती है।

लगातार हो रही घटनाएं

-फाफामऊ के रहने वाले रिटायर्ड गवनर्मेट इंप्लाई अशोक श्रीवास्तव के पास शुक्रवार शाम एसबीआई के नाम से फोन किया गया। खाता अपडेट करने के नाम पर उनसे एटीएम कार्ड नंबर और पिन की जानकारी हासिल कर ली गई। कुछ ही देर में उनके पास मैसेज आया कि खाते से क्भ् हजार रुपए की ऑनलाइन शॉपिंग कर ली गई है। उन्होंने कार्ड ब्लॉक करवाया और पुलिस को इन्फार्मेशन दी।

-शनिवार सुबह टैगोर टाउन के रहने वाले रिटायर्ड शिक्षक विश्वदीप मेहरोत्रा भी साइबर शातिरों के चंगुल में फंस गए। क्0 बजे उनके पास पीएनबी के नाम से फोन किया गया और खाते से ब्9 हजार रुपए उड़ा दिए गए। रुपए से ऑनलाइन शॉपिंग की गई थी और कुछ से डीटीएच रिचार्ज किया गया। गनीमत रही कि मैसेज आते ही उन्होंने कस्टमर केयर पर फोन कर कार्ड को ब्लॉक करवा दिया। उनके खाते में तीन लाख रुपए थे।

सफलताएं भी मिलीं

-कर्नलगंज की रहने वाली प्रतियोगी छात्रा सरिता सरिता यादव को लॉटरी का झांसा देकर ठग लिया गया था। साइबर क्राइम सेल ने क्ख् जुलाई को कानपुर नगर के ककवन के वीरेंद्र सिंह को इस मामले में अरेस्ट कर लिया। इस मामले में पुलिस को विजय सिंह लोनिया, सुधर सिंह लोनिया, दीपक सिंह और बबलू सिंह की तलाश है। सभी कानपुर के रहने वाले हैं।

-बेली रोड के रहने वाले प्रतियोगी छात्र वरुण प्रताप शाही के पास ख्भ् जून को फोन आया। बैंक कर्मचारी फोन करने वाले ने खाते से ब्क् हजार रुपए उड़ा दिए। साइबर क्राइम सेल ने इसी मामले में तीन जुलाई को दिल्ली से हेमलाल मंडल और देवीलाल यादव को दबोच लिया। उनके पास ऑनलाइन शॉपिंग के जरिए मंगवाया गया मोबाइल फोन बरामद हुआ। इस मामले में दो वांटेड हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

-बैंक की तरफ से किसी भी एकाउंट होल्डर को फोन नहीं किया जाता

-कोई एटीएम कार्ड नंबर या पिन के बारे में जानकारी मांगे तो उससे कुछ भी शेयर न करें

-समय-समय पर पिन नंबर को चेंज करते रहें

-सेलफोन पर किसी भी एप को डाउन लोड करने से पहले ट‌र्म्स एंड कंडीशन ध्यान से पढ़ लें

-क्रिमिनल लकी ड्रा का विनर बताकर भी फोन कर सकते हैं

-ईनाम के नाम पर आने वाले एसएमएस व ईमेल को भी इग्नोर करें