lucknow@inext.co.in

LUCKNOW : बैंकों द्वारा अवेयरनेस के लिये चलाए जा रहे कैंपेन भी बैंक कस्टमर्स को अलर्ट करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। यही वजह है कि साइबर जालसाज लोगों की गाढ़ी कमाई लूटने में कामयाब हो रहे हैं। सोमवार को राजधानी में साइबर फ्रॉड के 3 मामले सामने आए, जिसमें जालसाजों ने लोगों के अकाउंट से 2.75 लाख रुपये उड़ा लिये। तीनों मामलों की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

डाउनलोड कराई एप

महानगर के सेक्टर सी निवासी संजय कुमार वर्मा के मुताबिक, उन्होंने अमेजन एप से मोबाइल रीचार्ज करने की कोशिश की। अकाउंट से रुपये कट गए लेकिन, रीचार्ज नहीं हुआ। इस पर उन्होंने नेट पर अमेजन के हेल्पलाइन का नंबर सर्च कर उस पर कॉल की। कॉल सेंटर नंबर फर्जी था। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद को कंपनी का एग्जीक्यूटिव बताया और उन्हें एनी. डेस्क नाम की एप डाउनलोड करने को कहा। संजय ने एप डाउनलोड की। जिस पर उनके मोबाइल पर ओटीपी आया। उन्होंने फिर हेल्पलाइन पर कॉल किया तो बताया गया कि वे ओटीपी को एनी।डेस्क एप पर डालें। उन्होंने ऐसा ही किया। तभी उनके अकाउंट से 40 हजार रुपये और कट गए। उन्होंने हजरतगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई।

11 दिन में 2.05 लाख पार

सरोजनीनगर के पिपरसंड स्थित हुल्लीखेड़ा निवासी श्रवण कुमार का सेविंग अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की गौरी ब्रांच में है। श्रवण के मुताबिक, उन्होंने बीती 28 मार्च को एटीएम से एक हजार रुपये निकाले थे। लेकिन, इसी दौरान किसी ने उनके कार्ड की डिटेल कॉपी कर ली और उसका क्लोन बना लिया। इसके बाद 29 मार्च से 8 अप्रैल के बीच क्लोन कार्ड के जरिए उनके अकाउंट से दो लाख पांच हजार 519 रुपये पार कर दिये। जब वे 9 अप्रैल को बैंक से रुपये निकालने पहुंचे तो अकाउंट खाली था। पड़ताल करने पर पता चला कि उनके अकाउंट से गोमतीनगर व आसपास के एरिया में स्थित एटीएम से रुपये निकाले गए हैं। जिसके बाद श्रवण ने सरोजनीनगर थाने में इसकी एफआईआर दर्ज कराई।

ओटीपी हासिल कर पार कर दी रकम

मडिय़ांव के अन्ना मार्केट प्रीतिनगर निवासी मीरा मिश्रा का सेविंग अकाउंट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है। बीती एक मार्च को मीरा के मोबाइल पर कॉल आई। उन्होंने कॉल करने वाले को एसएमएस पर आए ओटीपी की जानकारी दे दी। जिसके बाद उनके अकाउंट से 29,500 रुपये पार हो गए। उन्होंने इसकी एफआईआर मडिय़ांव थाने में दर्ज कराई है।

Crime News inextlive from Crime News Desk