लखनऊ (पंकज अवस्थी)। इसके जरिए न सिर्फ आतंकियों की सोशल मीडिया के जरिए नेटवर्किंग पर नजर रखी जाएगी बल्कि, बड़े साइबर अपराधों की भी जांच हो सकेगी। डीजीपी के आदेश पर एटीएस इसका प्रस्ताव तैयार कर रही है और जल्द इसे मंजूरी के लिये भेजा जाएगा।

बदलती आतंकी रणनीति को भेदने की कवायद

हाल के दिनों में पकड़े गए आतंकियों व टेरर फंडिंग के आरोपियों ने सोशल मीडिया के जरिए विदेशी हैंडलर्स के संपर्क में रहने की बात बताई थी। जांच में यह भी सामने आया कि आतंकी सुरक्षा एजेंसियों की नजर से बचने के लिये मोबाइल फोन का इस्तेमाल कम से कम या नहीं कर रहे। यह भी पता चला कि वे अब नेट कॉलिंग या चैटिंग के जरिए आपस में संपर्क में रहते हैं। आतंकियों की इस बदली रणनीति को भेदने के लिये सुरक्षा एजेंसियों को नये सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया है।

सीएसआर फंड की मदद से होगा तैयार

एटीएस सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों की इसी रणनीति से निपटने के लिये बीते दिनों डीजीपी ओपी सिंह ने यूपी एटीएस को नोएडा में हाईटेक साइबर सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद यूपी एटीएस ने इसका प्रस्ताव तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। बताया गया कि यह सेंटर नोएडा के सेक्टर 94 स्थित नोएडा प्राधिकरण के कमांड कंट्रोल सेंटर बिल्डिंग में स्थापित किया जाएगा। इस साइबर वार रूम को हाइटेक सर्विलांस उपकरणों से लैस किया जाएगा। इन उपकरणों की मदद से सोशल मीडिया पर होने वाली आतंकियों की मामूली हरकत भी नजर में आ जाएगी। करीब 100 करोड़ से अधिक की लागत से बनने वाले इस साइबर वार रूम के लिये मल्टीनेशनल कंपनियों द्वारा दिये जाने वाले कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी फंड से तैयार करने की योजना है।

ट्रेनिंग की भी होगी सुविधा

बताया गया कि इस साइबर सेंटर आतंकी नेटवर्क पर नजर रखने के साथ-साथ साइबर क्राइम के बड़े मामलों की गुत्थी भी सुलझाने में मदद करेगा। यूपी पुलिस की विभिन्न विंग को भी साइबर मामलों में सहयोग करेगा। इसके अलावा सेंटर में यूपी पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी ताकि, वे साइबर क्राइम के छोटे मामले लोकल लेवल पर ही निपटा सकें।

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